मंत्रिमंडल गठन पर शिवराज ने की वेंकैया व अनंत से चर्चा
मध्यप्रदेश भवन में पत्रकारों से चर्चा में शिवराज ने कहा, "मैंने वेंकैया नायडू और अनंत कुमार से मुलाकात की।"
मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने हंसते हुए कहा, "खरमास का महीना चल रहा है इसलिए।"
बहरहाल, मंत्री पद की लालसा रखने वालों में जोर आजमाइश भी शुरू हो गई है। कुछ विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है और अपने आकाओं के माध्यम से शिवराज पर दबाव बनाने में जुटे हुए हैं। मंत्री पद तो सीमित है, मगर दावेदारों की सूची लंबी है। इसी बात ने दावेदारों की बेचैनी और पार्टी नेतृत्व की समस्याएं बढ़ा दी है।
चुनाव जीतकर आए विधायकों में लगभग एक दर्जन नेता ऐसे हैं जिन्हें मंत्रिमंडल से बाहर रखना न तो शिवराज और न ही पार्टी के लिए आसान होगा। शिवराज की पिछली सरकार में मंत्री रहे कैलाश विजयवर्गीय, अनूप मिश्रा, नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल, विजय शाह, बाबूलाल गौर, और अजय बिश्नोई में से किसी को भी मंत्रिमंडल से बाहर रखना शिवराज के लिए आसान नहीं होगा। हालांकि इनमें से कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं।
इस दफा तीन सांसदों सरताज सिंह, नीता पटेरिया व रामकृष्ण कुसमरिया ने भी विधानसभा का चुनाव जीता है। मंत्रिमंडल गठन के समय शिवराज इन्हें भी नजरअंदाज नहीं कर सकते।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।