44 वर्ष बाद घर लौटे व्यक्ति ने पत्नी दोबारा ब्याह रचाया
हजरा वर्ष 1964 से अपने घर से गायब थे। इतने लंबे समय तक उनका अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं था। हजरा को मृत मान अन्नपूर्णा ने उनका अंतिम संस्कार तक कर दिया था। उनके दो बेटे- अरुण और तरुण हैं।
तरुण ने संवाददाताओं से कहा, "जब मेरे पिता 12 वर्ष तक घर नहीं लौटे तो मेरी मां ने सामाजिक दबाव के कारण उनका अंतिम संस्कार कर दिया और एक विधवा की तरह रहने लगी।"
इस घटना के बाद अन्नपूर्णा अपने दोनों बेटों के साथ दक्षिण कोलकाता स्थित घर को छोड़कर उत्तरी 24 परगना जिले में स्थित अपने पिता के घर में रहने लगी।
तरुण ने कहा, "गत बुधवार को मेरे एक मित्र ने सूचना दी कि हमारे दक्षिण कोलकाता स्थित घर में एक वृद्ध कुछ दिनों से रह रहे हैं और खुद को हजरा बता रहे हैं। हम शनिवार को उन्हें 24 परगना ले आए हैं। "
तरुण ने कहा कि जब उनके पिता घर छोड़कर गए थे तो उस समय उनकी उम्र महज तीन वर्ष थी। उन्होंने कहा, "मैं तो पिता को पहचान नहीं पाया लेकिन मां ने उन्हें पहचान लिया।"
रविवार रात पारंपरिक तरीके से हजरा और अन्नपूर्णा की एक बार फिर शादी हुई और इस खुशी के मौके पर एक भोज का भी आयोजन किया गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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