थ्री-डी तकनीक का पेंटिग और मूर्तिकला में उपयोग कर रहे हैं आकाश
वी.एन.बालाकृष्णन
अहमदाबाद, 15 दिसम्बर (आईएएनएस)। पेंटिंग और मूर्तिकला में थ्री-डी (त्रि आयामी) तकनीक का इस्तेमाल करने वाले कलाकार आकाश चोएल का दावा है कि समकालीन कला में इस प्रकार के प्रयोग करने वाले वे पहले भारतीय कलाकार हैं।
आकाश ने आईएएनएस के साथ एक विशेष भेंट में कहा, "थ्री-डी इल्यूसन पेंटिग्स को ट्राइओग्राफिक्स कहा जाता है।" उन्होंने कहा कि कला से उन्हें खास लगाव है और वे इसमें लगातार नए प्रयोग करते रहते हैं।
आकाश ने कहा, "हर व्यक्ति खुद में अनोखा होता है और उसकी भावनाएं भी अनोखी होती हैं। मैं जब भी कोई काम करता हूं तो उसमें अपनी भावनाओं को जोड़ता हूं, खासकर बचपन की यादों और अनुभवों को।"
आकाश फाइबर शीशों की सहायता से मूर्तिकला को एक नया आयाम देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ललित कला में स्नातक की उपाधि वडोदरा स्थित एमएस विश्वविद्यालय से प्राप्त की। आगे की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली स्थित ललित कला अकादमी से की।
आकाश की कलाकृतियों की प्रदर्शनी दिल्ली और मुंबई में कई बार आोयजित हो चुकी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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