डंपर मामले में मैं तो इस्तीफा देना चाहता था : शिवराज
स्टार न्यूज के साप्ताहिक कार्यक्रम 'जो कहूंगा, सच कहूंगा' में शिवराज अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ पहुंचे। उन्होंने बताया, "डंपर घोटाले में अपने ऊपर लग रहे इल्जामों से मैं इतना आहत था कि मैंने इस्तीफा देने का मन लिया था। साधना भी उस समय बेहद आहत हुई थीं। वह रात-रात भर रोया करती थीं। मैंने इस्तीफे की पेशकश भी की थी लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष राजनाथ सिंह और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने मुझ पर अपना पूरा भरोसा दिखाया और कहा कि इस परिस्थिति में इस्तीफा देना पलायन करने जैसा होगा और उन्हें पलायन नहीं बल्कि हालात का डटकर मुकाबला करना चाहिए।"
शिवराज ने बताया कि उन्होंने उसी समय निर्णय किया था कि छल-कपट की इस राजनीति का जवाब वे छल-कपट से नहीं बल्कि सही सोच और विकास कार्यो को अंजाम देकर करेंगे।
इस मौके पर साधना सिंह ने इस संभावना से साफ इंकार कर दिया कि वे कभी राजनीति में आएंगी। हालांकि उन्होने कहा कि वे पहले की तरह ही राजनीति से अलग रहकर विकास कार्यो में अपना पूरा सहयोग देती रहेंगी।
कार्यक्रम के दौरान साधना ने अपने निजी संस्मरण भी बयान किए। शिवराज से अपनी पहली मुलाकात और दोनों के बीच अक्सर होने वाली नोंक-झ्झोंक के बारे में भी उन्होंने बताया। यहां तक कि अपने बच्चे के नाम रखने को लेकर भी दोनों के बीच कैसी तीखी नोंक-झोंक हुई, वह भी उन्होंने बयान किया।
शिवराज ने बताया कि चुनाव जीतने के बाद अब उनका सपना मध्यप्रदेश को देश का नंबर एक राज्य बनाने का है। उनकी सरकार सबसे पहले राज्य में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठाएगी। इसके अलावा खेती को फायदे के धंधे में तब्दील करना और कानूनी व्यवस्था को सुदृढ़ करना भी उनके एजेंडे में शामिल है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि 3-4 साल के अंदर वह बिजली उत्पादन इस स्तर तक बढ़ाएंगे कि गांवों में भी लोगों को 24 घंटे बिजली मिल सके। उन्होंने कहा, "मेरे लिए प्रदेश की जनता ही सबसे महत्वपूर्ण है। इसी जनता ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है। अपने पिछले कार्यकाल के दौरान जो काम मुझसे छूट गए थे उन्हें इस बार जल्द से जल्द पूरा करूंगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।