संसद हमले के शहीदों के परिजनों ने किया सरकारी कार्यक्रम का बहिष्कार (लीड-1)
इससे पहले, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी, विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने संसद भवन परिसर में शहीदों की तस्वीरों पर फूल-मालाएं चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी।
संसद हमले में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के जवान घनश्याम सिंह की विधवा और उनके पुत्र ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
सरकारी कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले शहीदों के परिजनों की मांग थी कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाया जाना चाहिए।
आल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट (एआईएटीएफ) के मुखिया मनिंदरजीत सिंह बिट्टा के नेतृत्व में शहीदों के परिजनों ने इंडिया गेट पर बने शहीद स्मारक के सामने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर बिट्टा ने कहा, "जब तक अफजल को फांसी पर नहीं लटकाया जाता तब तक हम संसद में प्रवेश नहीं करेंगे। दो दिन पहले ही संसद में सभी दलों ने आतंकवाद के खिलाफ एक सुर में आवाज उठाई लेकिन किसी ने भी अफजल को फांसी पर लटकाने की बात नहीं की।"
उल्लेखनीय है कि 13 दिसम्बर 2001 को आतंकवादियों ने संसद भवन पर हमला कर दिया था। इस हमले में नौ जवान शहीद हुए थे। हमला करने वाले पांचों आतंकवादी मारे गए थे, जबकि एक समाचार चैनल का कैमरा मैन भी इस घटना में अपनी जान गवां बैठा था। सरकार का कहना है कि आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।