मध्यप्रदेश में अब मंत्री पद के लिए जोर आजमाइश
मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं। नियम के मुताबिक 34 सदस्यों का मंत्रिमंडल गठित किया जा सकता है। शिवराज सिंह के पिछले मंत्रिमंडल में 33 मंत्री थे। इनमें से पार्टी ने 32 को चुनाव मैदान में उतारा था। विधानसभा चुनाव के जो नतीजे आए उनमें आठ मंत्री हार गए। इस तरह 24 मंत्री चुनाव जीत कर आए हैं।
शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है और अब वे 33 नए मंत्रियों को शपथ दिला सकते हैं। पार्टी सूत्रों की बात पर भरोसा करें तो पहली सूची में अधिकतम 25 विधायकों के नाम ही होंगे। इस तरह गठित होने वाली टीम में सिर्फ दो ही नए सदस्य शामिल हो पाएंगे।
चुनाव जीतकर आए सदस्यों में लगभग एक दर्जन ऐसे नेता हैं जिन्हें मंत्रिमंडल से बाहर रखना शिवराज सिंह और पार्टी दोनों के लिए आसान नहीं है। तीन सांसद सरताज सिंह, नीता पटेरिया व राम कृष्ण उसमरिया तो इस सूची में हैं ही, साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी, कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी, सुन्दर लाल पटवा के दत्तक पुत्र सुरेन्द्र पटवा, पूर्व मंत्री अजय विश्नोई, अर्चना चिटनिस, अरविन्द भदौरिया ऐसे नाम हैं जिन्हें किनारे करना मुश्किल होगा।
पार्टी सूत्रों के अनुसार शिवराज सिंह चौहान इन्ही सारी स्थितियों को लेकर पार्टी नेतृत्व से आने वाले एक दो दिनों में दिल्ली जाकर चर्चा करेंगे। उसके बाद ही कोई फैसला हो सकेगा। आने वाले छह माह के भीतर लोकसभा चुनाव संभावित है। ऐसे में पार्टी नहीं चाहती कि किसी तरह का असंतोष पनपे। इसलिए पार्टी की कोशिश है कि मंत्रिमंडल के गठन का कोई आसान रास्ता निकाल लिया जाए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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