गहलोत अगले हफ्ते करेंगे मंत्रिमंडल का गठन (लीड-2)
गहलोत ने आज दूसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद संभाला। शनिवार को राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल एस. के. सिंह ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत कई नेता मौजूद थे।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद पत्रकारों से चर्चा में गहलोत ने कहा, "सब कुछ अच्छा ही होगा। मंत्रिमंडल के गठन की कवायद शुरू हो गई है। केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद ही मंत्रिमंडल के स्वरूप को अंतिम रूप दिया जाएगा।"
गहलोत के एक करीबी ने आईएएनएस को बताया, "उन्होंने संभावित मंत्रिमंडल की सूची तैयार कर ली है। वे दिल्ली जाकर पार्टी आलाकमान से चर्चा करने के बाद अगले हफ्ते अपने मंत्रिमंडल का गठन करेंगे।"
गहलोत के लिए मंत्रिमंडल का गठन आसान नहीं होगा क्योंकि अपने मंत्रिमंडल के गठन के दौरान उन्हें कांग्रेस के उन सात बागियों का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा जिन्होंने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीतकर कांग्रेस को समर्थन दिया है। कुल 11 निर्दलीय विधायकों ने गहलोत के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया है। इनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बागी नेता किरोड़ीमल मीणा भी शामिल हैं।
राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 96 सीटों पर सफलता मिली है जबकि सरकार बनाने के लिए उसे 100 के जादुई आंकड़े को पार करना पड़ेगा।
राजनीतिक विश्लेषक विजय शर्मा बताते हैं, "लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर गहलोत को अपने मंत्रिमंडल का गठन करना होगा और उसी हिसाब से अपनी टीम में जातिगत समीकरण भी बैठाना पड़ेगा।"
गहलोत के समक्ष एक बड़ी समस्या यह भी है कि वे प्रदेश कांग्रेस के उन दिग्गज नेताओं को कैसे संतुष्ट करेंगे जो विधानसभा का चुनाव हार गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष सी. पी. जोशी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बी. डी. कल्ला, वरिष्ठ नेता प्रद्युम्न सिंह और हरेंद्र मिर्धा अपने चुनाव हार गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि कुछ जाट नेताओं को मंत्रिमंडल में जरूर शामिल किया जाएगा। इनमें महिपाल मदेरणा, कर्नल सोनाराम और हेमाराम चौधरी के नामों की चर्चा जोरों पर है। ज्ञात हो कि जाटों के वरिष्ठ नेता शीशराम ओला और परसराम मदेरणा ने खुले आम गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने का विरोध किया था।
बीना काक, शांति धारीवाल, दीपेन्द्र सिंह शेखावत, जीतेन्द्र सिंह, ब्रजेंद्र ओला, राजेन्द्र पारीख, परसादीलाल मीणा और रघुवीर मीणा को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। सूत्रों का कहना है कि अइमदुद्दुीन उर्फ दुरु मियां को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 57 वर्षीय गहलोत इससे पहले वर्ष 1998 से 2003 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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