दक्षिण एशिया क्षेत्र की सरकारें आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करें: मनमोहन
इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ जस्टिस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र और विकास को आतंकवाद और कट्टरवाद से पैदा होने वाले खतरे के प्रति हमारे क्षेत्र में जागरूकता बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र और हर कहीं सरकारों और अधिकारियों की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता के साथ त्वरित कार्रवाई करें।
अपने लिखित भाषण में मनमोहन सिंह ने मुंबई हमले के बाद भारत की जनता के साथ एकजुटता जताने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को धन्यवाद दिया। उन्होंने हाल ही में भारत में हुए अन्य आतंकवादी हमलों का भी जिक्र किया।
मनमोहन सिंह ने कहा कि मुंबई हमला पहले की ही तरह क्षेत्र की शांति और स्वतंत्रता को सुनियोजित ढंग से नुकसान पहुंचाने और हमारी राष्ट्रीयता की जड़ों को चोट पहुंचाकर भारतीय लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास है।
उन्होंने का कि आतंकवादी सुनियोजित रूप से समुदायों के बीच खाई पैदा करके सांप्रदायिक घृणा और संघर्ष पैदा करना चाहते हैं। हमारी राष्ट्रीयता को चोट पहुंचाने के साथ ही आतंकवादी हमारी संपन्नता के आधार को भी नष्ट करना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू, हैदराबाद और जयपुर जैसे शहरों को निशाना बनाने का मतलब भारत की अर्थव्यवस्था को निशाना बनाना है। हमारी अर्थव्यवस्था को क्षति पहुंचने से लोगों को नुकसान होगा। इससे हमारे लोकतंत्र को चोट पहुंचेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समाज को क्रूर नहीं हो जाना चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समाज के किसी एक हिस्से को निशाना नहीं बनाया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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