असम के बर्ड फ्लू प्रभावित क्षेत्रों में 3 लाख लोग विशेष निगरानी में
केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग (पूर्वोत्तर)की क्षेत्रीय निदेशक पार्थाज्योति गोगोई ने आईएएनएस को बताया, "लोगों को अलग रखने की व्यवस्था इसलिए की गई, ताकि संदिग्ध रोगियों को अस्पतालों में भर्ती कराकर उनका इलाज किया जा सके। हालांकि अभी तक संक्रमित मुर्गियों के कारण अतीत में फैली एनफ्लुएंजा (जुकाम-बुखार) जैसी बीमारी नहीं पाई गई है।"
गोगोई ने आगे कहा, "बर्ड फ्लू प्रभावित क्षेत्रों में अब तक बुखार श्वांस नली में संक्रमण के लिए 150 लोगों का उपचार किया गया है। हमने इन रोगियों को अलग रखा है, लेकिन इनमें पाए गए लक्षण एनफ्लुएंजा (जुकाम-बुखार) का संकेत नहीं देते।"
ज्ञात हो कि बर्ड फ्लू के विषाणु असम के 6 जिलों में फैले हुए हैं। प्रशासन ने इसे एक महामारी की संज्ञा दी है। पिछले दो हफ्तों के भीतर 250,000 मुर्गियां मारी जा चुकी हैं। अन्य 150,000 मुर्गियों को मारने के आदेश जारी किए जा चुके हैं।
असम के स्वास्थ्य मंत्री हिम्मत बिस्व सरमा ने कहा, "जिस तेजी के साथ यह बीमारी फैल रही है, जनता में बर्ड फ्लू विषाणु के संक्रमण को लेकर हम वाकई चिंतित हैं। हमें नहीं पता कि यदि इस तरह की महामारी आई तो हमारा स्वास्थ्य विभाग इससे सक्षमतापूर्वक निपट भी पाएगा या नहीं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।