बांग्लादेश की इस्लामी पार्टी का मदरसों में सैन्य प्रशिक्षण का वादा
यह कानून पुस्तकों, समाचारपत्रों या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में धर्म की आलोचना पर प्रतिबंध लगाएगा। कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए दंड का प्रावधान होगा।
घोषणापत्र जारी करते हुए जमात के प्रमुख मोतिउर रहमान निजामी ने गुरुवार को कहा, "सभी लोग अपने धार्मिक अधिकारों का लाभ उठा सकेंगे, लेकिन दूसरों के धर्म के बारे में आलोचना या अपमानजनक टिप्पणी स्वीकार्य नहीं होगी। यूनाइटेड किंगडम में भी इस तरह का कानून है और इसमें कोई गलत नहीं है।''
इस तरह का कानून पाकिस्तान में भी है, जहां गैर मुसलमान इसके शिकार बनते रहते हैं। इसमें आरोपियों को जमानत नहीं मिलती। इस तरह के मामलों में आम तौर पर सजा ही अंतिम विकल्प होता है। कुछ जजों ने ऐसे आरोपियों को मुक्त कर दिया, तो बाद में उनकी हत्या कर दी गई।
जमात का घोषणापत्र कहता है, "मदरसों व मस्जिदों पर आधारित शिक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, सभी धार्मिक संस्थानों में आम शिक्षा को भी शामिल किया जाएगा।"
घोषणापत्र में कहा गया है कि मदरसों में विद्यार्थियों के अलावा 20 से 30 वर्ष की उम्र के आम नागरिकों को भी सैन्य बलों की देख-रेख में सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ज्ञात हो कि जमात, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेतृत्व में बने चार दलों के गठबंधन की एक प्रमुख घटक है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।