आतंकवाद के मुद्दे पर हम सरकार के साथ : आडवाणी (लीड-1)
लोकसभा में मुंबई हमले पर चल रही विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए आडवाणी ने जोर देकर कहा, "आतंकवाद के मुद्दे पर पूरा देश एक है। हमें संकल्प लेना चाहिए कि आतंकवाद के नाम पर चल रहे इस युद्ध को हम आखिरी परिणति तक पहुंचाएंगे। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से मैं यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आतंकवाद के खिलाफ सरकार कोई भी ठोस कदम उठाती है, जैसा कि गृह मंत्री ने अपने बयान में कहा है, तो हर हाल में हम सरकार का साथ देंगे।"
महाभारत के एक दृष्टांत का जिक्र करते हुए आडवाणी ने कहा, "गंधर्वो ने जब कौरवों पर आक्रमण किया तो युधिष्ठिर ने पांडवों से कहा कि जाओ और कौरवों की सहायता करो।" उन्होंने कहा कि युधिष्ठिर से जब पूछा गया कि ऐसा क्यों तो इसके जवाब में उन्होंने कहा 'व्यं पंचाधिकम शतम'।
उन्होंने सरकार को सचेत भी किया कि मुंबई हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए हमें पूरी तरह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र का नाम सुनकर अब डर लगता है। कश्मीर के अनुभव को हमें नहीं भूलना चाहिए। हमें यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र हमें बचाएगा। यह हमारी समस्या है। हमें दोबारा ऐसी गलती से बचना चाहिए। हमें अपने बलबूते जो हो सकता हो, करना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि दुनिया कहती है कि दक्षिण एशिया आतंकवाद के निशाने पर है। हमें खुलकर कहना चाहिए कि पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है। हम सुरक्षा परिषद में गए परंतु हमने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। इसका कारण मैं नहीं जानता।
आडवाणी ने मुंबई हमले को आतंकवादी युद्ध की संज्ञा देते हुए इसे सीमा पार आतंकवाद का नतीजा बताया। उन्होंने पकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के दमन की कार्रवाई को केवल दिखावा बताते हुए कहा कि हमें उसके भुलावे में नहीं आना चाहिए।
देश में आतंकवाद के लिए पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई को जिम्मेदार ठहराते हुए आडवाणी ने कहा कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिए सरकार द्वारा लिए गए कड़े फैसलों को विपक्ष अपना पूरा समर्थन देगा।
उन्होंने कहा,"पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफअली जरदारी ने हमले के लिए पाकिस्तान के 'नान स्टेट एक्टर्स' को जिम्मेदार ठहराया है। आईएसआई खुद एक नान स्टेट एक्टर है क्योंकि वह लोकतांत्रिक सरकार के अधीन न होकर केवल सेना के प्रति जवाबदेह है।"
आडवाणी ने कहा कि 26 नवंबर को मुंबई पर हमला देश के आर्थिक विकास और विभिन्न धार्मिक समुदायों के शांतिपूर्ण सहअस्तित्व पर हमला था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*