नए आईबी प्रमुख के सामने खुफिया एजेंसियों के बीच तालमेल बढ़ाना चुनौती
उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी माथुर इस समय भारत की आंतरिक खुफिया एजेंसी के विशेष निदेशक हैं। उनका संगठन 26 नवंबर को मुंबई में हुए हमले और देश भर में हुए 30 बम विस्फोटों के संबंध में कोई सूचना देने में असफल रहा।
आईबी के 28,000 कर्मचारियों में से जासूसी के कार्य में केवल 3,500 से 3,800 कर्मचारी ही लगे हैं। इसके बावजूद अभी तक केवल 1,400 अतिरिक्त पदों की स्वीकृति हुई है।
माथुर के सहकर्मी बताते हैं कि वे अधिकतर समय राजनीतिक खुफिया सूचनाओं से संबंधित मामला देखते रहे हैं। उनको आतंकवाद विरोधी खुफियागिरी का कोई विशेष अनुभव नहीं है।
माथुर आईबी प्रमुख के पद पर केवल दो वर्ष रहेंगे, क्योंकि सरकार ने इस पद के लिए इतनी ही अवधि का कार्यकाल नियत किया है। माथुर दिसम्बर महीने के अंत में अवकाश प्राप्त करने वाले पी.सी. हलदार के स्थान पर आईबी के निदेशक का पद संभालेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।