विस परिणाम : मध्यप्रदेश में उत्तरप्रदेश की सीमा पर ही दौड़ा बसपा का हाथी
भोपाल, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का असर उत्तरप्रदेश की सीमा को स्पर्श करने वाले इलाकों में ही नजर आया। बसपा ने सूबे के चंबल, बुन्देलखंड और विन्ध्य क्षेत्र में अपनी ताकत का जोरदार तरीके से इजहार किया।
ज्ञात हो कि 230 सीटों वाली राज्य विधानसभा में बसपा ने सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। पार्टी को सात सीटों पर सफलता मिली है जबकि 17 विधानसभा सीटों पर उसके उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे। पार्टी के वोट प्रतिशत में भी लगभग चार फीसदी की वृद्धि हुई है। चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक बसपा को इस बार 11 फीसदी वोट मिले हैं जबकि पिछले चुनाव में उसे 7.21 फीसदी वोट मिले थे।
भौगोलिक बनावट के कारण मध्यप्रदेश के चंबल, बुन्देलखंड और विन्ध्य इलाके में उत्तरप्रदेश का असर देखा जाता रहा है, चाहे वह राजनीतिक हो या सांस्कृतिक। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी यह असर नजर आया। इसी का नतीजा रहा कि बसपा ने इन क्षेत्रों की सात विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। इनमें से चार सीटें सिर्फ चंबल इलाके की है। यहां से बसपा ने मुरैना, जौरा, सेवढ़ा व ग्वालियर ग्रामीण सीट जीती है। वहीं दूसरी ओर उसने विन्ध्य क्षेत्र की तीन सीटों सिरमोर, त्योंथर तथा रामपुर बघेलान पर कब्जा जमाया है।
बसपा ने सात सीटें जीतने के अलावा 17 विधानसभा क्षेत्रों में दूसरा स्थान हासिल किया है। इनमें सात ग्वालियर चंबल से, पांच बुन्देलखंड से और पांच विन्ध्य क्षेत्र से है। चंबल के सुमावली, दिमनी, अम्बा, लहार, डबरा, दतिया, करेरा में बसपा के उम्मीदवार निकटतम प्रतिस्पर्धी रहे। बुन्देलखंड के खरगापुर, राजनगर, छतरपुर, पथरिया व गुन्नौर में भी बसपा प्रत्याशियों ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया। इसी तरह विन्ध्य के रैगांव, सेमरिया, देवतालाब, रीवा तथा ब्योहारी में बसपा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दी।
उत्तरप्रदेश में बसपा की सरकार है और मध्यप्रदेश के चंबल, बुन्देलखंड, विन्ध्य क्षेत्र का बहुत बड़ा हिस्सा उत्तरप्रदेश में भी आता है। इस इलाके में बसपा ने अपनी ताकत बढ़ाने में कामयाबी हासिल की है। इसके अलावा महाकौशल, मालवा तथा मध्यभारत में बसपा कहीं भी अपना प्रभाव दिखाने में कामयाब नहीं हो पाई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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