बुजुर्गो में अवसाद कम करने का नया रास्ता
वेस्टर्न आस्ट्रेलियन सेंटर फॉर हेल्थ एंड एजिंग (डब्ल्यूएसीएचए) नामक संस्था ने सुझाया है कि शरीर में होमोसिस्टीन का उच्च स्तर बुजुर्गो में अवसाद के खतरों को बढ़ाने में सहायक होता है।
संस्था द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस अध्ययन में 70 वर्ष की उम्र के 3,700 से भी अधिक बुजुर्गो को शामिल किया गया।
संस्था के शोध निदेशक ओसवादो अल्मेडा ने कहा, "पूर्व के अध्ययनों में यह बात सामने आई थी कि अवसादग्रस्त बुजुर्गो में होमोसिस्टीन का स्तर उच्च होता है। लेकिन इस बात को लेकर कोई भी सुनिश्चित नहीं था कि बुजुर्गो को अवसादग्रस्त बनाने में यह सहायक होता है।''
अल्मेडा ने कहा, "अब हमने पाया कि होमोसिस्टीन की सांद्रता में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने वाला एमटीएचएफआर नामक जीन बुजुर्गो में अवसाद को भी 20 प्रतिशत बढ़ाने में सहयोग करता है।''
अल्मेडा ने आगे कहा, "यह परिणाम बताता है कि यदि हम होमोसिस्टीन की सांद्रता में 1/5 की कमी ला सकें तो हम अवसादग्रस्त बुजुर्गो की संख्या में भी कमी ला सकते हैं।''
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।