पेड़ों की बेलगाम कटाई से कई प्रजातियों के विनाश का खतरा बढ़ा
जयदीप गुप्ता
पोजनान(पोलैंड), 8 दिसंबर(आईएएनएस)। पेड़ों की बेलगाम कटाई 20 फीसदी वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की वजह है और अगर इससे निपटने की कारगर पहल नहीं हुई तो जीवों की 20-30 फीसदी प्रजातियों का अस्तित्व मिट जाएगा। यहां जलवायु परिवर्तन पर मंथन के लिए जारी वैश्विक सम्मेलन में इस चिंताजनक तथ्य पर चर्चा हो रही है।
यूएन फ्रेमवर्क कनवेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) के वैेश्विक शिखर सम्मेलन में जमा हुए दुनिया भर के वार्ताकारों ने जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए सामूहिक कारगर कदम उठाए जाने पर जोर दिया है। पोलैंड के इस शहर में एक से 12 दिसंबर तक जारी रहने वाले इस सम्मेलन में सबसे अहम सवाल यह उभरकर सामने आया है कि इस समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन कैसे जुटाए जाएं।
अगर इस समस्या से निपटने के लिए जरूरी संसाधन जुटा लिया गया तो संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के वर्ल्ड कंजरवेशन मॉनिटरिंग सेंटर(डब्ल्यूसीएमसी) द्वारा विकसित कार्बन एंड बायोडायवर्सिटी डेमंस्ट्रेशन एटलस पर अमल करने में आसानी होगी।
संयुक्त राष्ट्र अवर महासचिव और यूनेप के कार्यकारी निदेशक एकिम स्टीनर ने कहा, "इस वैश्विक आर्थिक संकट के दौर में एक-एक डालर या यूरो या फिर रुपए का इस्तेमाल इस तरह किया जाना चाहिए कि हमें पहले से दोगुना नतीजा मिले।" यूनेप प्रवक्ता निक नुटल ने कहा कि शोध से हमें पता चला है कि जहां भी वनों का विनाश हो रहा है, वहां जलवायु परिवर्तन की समस्या के गहराने और जीव प्रजातियों का अस्तित्व मिटने का खतरा बढ़ रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।