पाकिस्तान ने लश्कर के ठिकानों पर की कार्रवाई, 20 गिरफ्तार (राउंडअप)
पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने पाक अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में रविवार को कार्रवाई शुरू की। मुजफ्फराबाद में जमातुद दावा (लश्कर का नया नाम) के ठिकाने पर रविवार को सैन्य अभियान चलाया गया। इस दौरान लखवी समेत लश्कर के 20 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया।
खबर के मुताबिक प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्यों को पकड़ने के लिए सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान के कई अन्य हिस्सों में भी कार्रवाई की है।
भारतीय और अमेरिकी खुफिया अधिकारियों का कहना है कि मुंबई आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है।
इस कार्रवाई से नाराज लश्कर प्रमुख हाफिज मुहम्मद सईद ने पाकिस्तानी टेलीविजन चैनल जियो टीवी के साथ बातचीत में कहा, "लश्कर के खिलाफ कार्रवाई भारत के दबाव में की जा रही है जिसकी कोई जरूरत ही नहीं है।"
समाचार पत्र डॉन ने मुजफ्फराबाद में एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से बताया, "मैंने देखा कि रविवार शाम पांच बजे सेना का एक हेलीकॉप्टर इलाके के ऊपर मंडरा रहा था और इस दौरान दो या तीन धमाकों की आवाज भी सुनाई दी।"
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से भी इसी तरह की कार्रवाई किए जाने की खबर है। 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, "ऐसा माना जा रहा है कि लश्कर के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से भारत-पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव में कुछ हद तक कमी आएगी।"
इस बीच मुंबई हमलों में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों का हाथ होने की बात साफ होने के बाद अमेरिकी विदेशमंत्री कोंडोलिजा राइस ने पाकिस्तान से कहा है कि इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करना उसकी जिम्मेदारी है।
अमेरिकी टेलीविजन नेटवर्क सीएनएन को दिए साक्षात्कार में राइस ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि हमले में पाक स्थित संगठनों का हाथ है। परंतु इसमें पाकिस्तान के सरकारी अधिकारियों के हाथ होने के पुख्ता प्रमाण नहीं हैं।
राइस ने कहा कि पाकिस्तान एक जिम्मेदार राष्ट्र है और इस बात से कोई अंतर नहीं पड़ता कि हमले के पीछे गैर सरकारी लोगों का हाथ है। उसे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है कि जांच आगे बढ़े और यह पारदर्शी हो।
राइस का विश्वास है कि हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है लेकिन उन्होंने इस पर कुछ कहने से इंकार कर दिया कि इन आतंकवादियों को पाकिस्तान में प्रशिक्षण दिया गया या नहीं।
उधर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हमले से बचाव के किसी भी राष्ट्र के मूल अधिकार पर फिर जोर दिया है लेकिन मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान पर हमले के भारत के अधिकार पर कुछ भी कहने से इनकार किया।
एनबीसी के मीट द प्रेस कार्यक्रम में यह पूछे जाने पर कि अब भारत को पाकिस्तान पर हमला करने का अधिकार है, ओबामा ने कहा, "मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा। मैं इसे मूल सिद्धांत के रूप में फिर दोहराता हूं।"
ओबामा ने कहा कि किसी भी देश को हमले से बचाव का अधिकार है और यह पूरी दुनिया जानती है।
ओबामा ने कहा कि आतंकवाद के मुकाबले के लिए अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत की सरकारों के साथ रणनीतिक सहयोग आवश्यक है।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति का मानना है कि केवल अफगानिस्तान को अकेले देखने से आतंकवाद की समस्या का हल नहीं होगा। इसके लिए पाकिस्तान, भारत, ईरान सहित कश्मीर जैसी क्षेत्रीय समस्याओं पर भी ध्यान देना होगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।