विस परिणाम : दर्शन-पूजन भी नहीं बचा पाए राजे का ताज
जयपुर, 8 दिसम्बर (आईएएनएस)। लगता है ईश्वर भी इस बार वसुंधरा राजे के होठों पर मुस्कान नहीं देखना चाहते थे। वसुंधरा राजे के हाथ से राजस्थान लगभग निकल चुका है।
राजे सोमवार को तड़के जयपुर से 550 किलोमीटर दूर बांसवाड़ा में स्थित सदियों पुराने त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में दर्शन के लिए गईं थीं।
वर्ष 2003 के विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना शुरू होने के पहले भी वह इसी दुर्गा मंदिर में दर्शन के लिए गई थीं। लगता है इस बार देवी ने उनकी प्रार्थना का जवाब नहीं दिया।
लेकिन संवाददाताओं के सवालों के जवाब में राजे ने यहां बताया, "मैं वहां हमेशा जाती हूं। इसमें नया कुछ भी नहीं है।''
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कुषाण राजा कनिष्क के शासन काल के पहले करवाया गया था। कनिष्क ने ईस्वी की पहली सदी में यहां शासन किया था।
राजे को हमेशा धार्मिक स्वभाव वाला माना जाता रहा है। वर्ष 2003 में अपने ज्योतिषियों द्वारा बताए गए समय पर ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
अपने सरकारी आवास में जाने के लिए भी उन्होंने ज्योतिषियों से मुहूर्त निकलवाया था। इसके अलावा वह राज्य में व राज्य के बाहर स्थित सभी महत्वपूर्ण मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए जाती रही हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
**