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निजी सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवाद से निपटने में सक्षम बनाना बड़ी चुनौती

By Staff
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बेंगलुरू , 8 दिसंबर(आईएएनएस)। कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरू स्थित प्रमुख निजी कंपनियों को अपनी सुरक्षा खुद करने को कहा, लेकिन इस जिम्मेवारी का वहन करना इन कंपनियों के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि इन्हें सुरक्षा प्रदान करने वाली निजी सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद से निपटने में सक्षम नहीं हैं।

कंपनियों को सुरक्षा प्रदान करने वाली सुरक्षा एजेंसियां इतना दमखम नहीं रखतीं कि वे आतंकवादी हमले से निपट सके। विजिलेंस ट्वेंटी फोर सेवन सिक्योरिटी एंड एलायड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, जिसका मुख्यालय यहां से 10 किलोमीटर दूर इंदिरानगर में है, के निदेशक नरेंद्र कुमार शर्मा कहते हैं, "हम अपने पूरे कार्य नेटवर्क को नया रूप देने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन इसमें वक्त लगेगा। हमें आतंकवादियों से निपटने के लिए अत्याधुनिक हथियार रखने की इजाजत मिलनी चाहिए।"

प्राइवेट आई(पी) लिमिटेड के चेयरमैन पी़ रवींद्रनाथ कहते हैं, "सिंगल और डबल बैरेल की बंदूकों के अलावा हमें एसॉल्ट राइफल या तमंचा रखने की इजाजत नहीं है। ऐसे में हम आतंकवाद का मुकाबला कैसे कर सकते हैं? यह वाकई चिंता की बात है कि हमें अभी भी कम मारक क्षमता वाले हथियारों से ही लैस रहने की छूट है।"

उन्होंने कहा कि यूं तो निजी सुरक्षा एजेंसी(नियमन) कानून 2005 के तहत इस उद्योग को पूरी वैधता प्रदान कर दी गई, पर अभी तक लाइसेंस प्रणाली में बदलाव नहीं हुआ है। कई एजेंसियों ने कानूनी अड़चनों के कारण आतंकवाद की चुनौती से निपटने में असमर्थता जताई।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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