ब्याज दर घटाने में हिचकिचा रहे बैंक

कर्ज पर ब्याज दर में कुछ खास कमी आने की सम्भावना नहीं है। बाजार में धन उपलब्धता की कमी के कारण बैंकों ने जमा धनराशि पर अधिक ब्याज देकर कोष बढ़ाने का अभियान चलाया था, जिसके कारण अक्टूबर महीने में जमाधनराशि में बीस प्रतिशत की वृद्धि हुई।
बैंकों का कहना है कि धनराशि का प्रबंधन अभी भी चुनौतीपूर्ण है तथा कर्ज की मांग में तेजी बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि रिजर्व बैंक ने रेपो और रिवर्स रेपो दर में कटौती का उपाय बाजार में धनराशि की उपलब्धता बनाए रखने के लिए है, लेकिन जरूरी है कि जमा धनराशि का ब्याज को संतुलित किया जाए।
अब बैंकिग तंत्र में पर्याप्त नकदी उपलब्ध है लेकिन ब्याज दरों में कटौती के लिए और अधिक नकदी की जरूरत होगी।
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