आईएसआई के ख़लाफ मिले पक्के सुबूत
भारत को इस बारे में पक्के सुबूत मिले हैं जिसे वह पाकिस्तान को सौंप चुका है। सूत्रों ने बताया कि भारत ने आतंकियों को ट्रेनिंग देने वालों के नाम, ट्रेनिंग की जगह और उन नाम-पतों की भी जानकारी दी है, जिनका कुछ समय पहले तक आईएसआई से जुड़ाव रहा है।
यहां सूत्रों का कहना है कि अमेरिका की तीनों सेनाओं के प्रमुखों के चेयरमैन एडमिरल माइक मुलेन ने पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों से कहा है कि अमेरिका के पास भी इस आशय के इतने सबूत हैं कि इस हमले में पाकिस्तान का पूरी तरह हाथ कहा जा सकता है।
इसी के मद्देनजर यहां सूत्रों का कहना है कि यह विश्वास नहीं किया जा सकता है कि पाकिस्तानी आईएसआई को इन हमलों की तैयारी का पता नहीं था।
सूत्रों का कहना है कि लश्कर पर पाकिस्तान ने भले ही अपने देश में पाबंदी लगा रखी हो, लेकिन इसका सरगना हाफिज सईद अभी भी आजाद घूम रहा है। लश्कर अब 'जमात-उद-दावा" के नए नाम से सक्रिय है, ताकि उसकी गतिविधियों पर कोई वैधानिक अड़चन न आए।
सूत्रों ने बताया कि अमेरिका को भी सईद और आईएसआई के बीच घनिष्ठ संबंधों की जानकारी है। अमेरिका ने पाकिस्तान सरकार से कहा है कि वह लश्कर-ए-तैबा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। यह संगठन अब जमात उद दावा के नाम से चल रहा है और इसके नेता हाफिज मुहम्मद सईद को अमेरिका ने गिरफ्तार करने की मांग की है। सईद के खिलाफ अमेरिका हमले करवाने के सबूत पेश करने को तैयार है।
उधर, एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में सईद ने कहा है कि लश्कर कभी भी निर्दोष नागरिकों की हत्या करने का काम नहीं करता। सईद ने इन आरोपों से इनकार किया है कि मुंबई हमलों में लश्कर का हाथ है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि सईद ने यह बयान आईएसआई के इशारे पर दिया है।