नागा अलगाववादियों के साथ सरकार की महत्वपूर्ण वार्ता
एनएससीएन-आईएम के नेता इसाक चिसी सू और थुइंगलेंग मुइवा के साथ भारत सरकार ने अगस्त 1997 में संघर्ष विराम समझौता किया था। वार्ता में एनएससीएन की ओर से मुइवा, सू, वी.एस.आटेम, आर. रिसिंग, क्यू.टुकु और सोंबा चांग के भाग लेने की संभावना है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार का प्रतिनिधित्व केंद्रीय मंत्री आस्कर फर्नाडीज और मुख्य शांति वार्ताकार के.पद्मनाभैया करेंगे। वार्ता के करीब तीन दिन तक चलने की उम्मीद है।
दोनों पक्षों में वर्ष 1997 में करीब 50 दौर की वार्ता के बाद संघर्षविराम पर सहमति बनी थी। उल्लेखनीय है कि 1947 में भारत की आजादी के बाद से आरंभ हुए नागा विद्रोह के कारण करीब 25,000 लोग मारे जा चुके हैं।
एनएससीएन-आईएम के एक नेता ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर आईएएनएस को बताया कि यह बहुत महत्वपूर्ण वार्ता है और हमारे पक्ष ने अपनी मांगों की सूची पहले ही सरकार को दे दी है।
गौरतलब है कि एनएससीएन-आईएम असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के नागा जनजाति बहुल इलाकों को भी नागालैंड में मिलाकर एक वृहत्तर नागालैंड के निर्माण की मांग कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने पहले इस मांग को ठुकरा दिया था, इसके कारण एनएससीएन-आईएम ने संघर्ष विराम समझौता तोड़ने की धमकी दी थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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