भोपाल गैस त्रासदी : एन्डरसन के फूंके गए पुतले
ठीक 24 साल पहले दो-तीन दिसंबर 1984 की रात यूनियन कार्बाइड ऑफ इंडिया के भोपाल स्थित कारखाने से रिसी गैस ने हजारों लोगों को अपने आगोश में ले लिया था। इस हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने और कारखाना प्रबंधन तथा सरकारों की नीतियों के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार करने के लिए तमाम संगठनों ने तीन दिसंबर को अनेक कर्मकान्ड किए।
इसी क्रम में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन ने शाहजहानी पार्क में एक शोक सभा का आयोजन किया। शाहजहानी पार्क से शुरू हुआ मौन जुलूस हमीदिया रोड से होता हुआ यूनियन कार्बाइड पहुंचा और उसके बाद छोला श्मशान घाट मुख्य मार्ग पर वारेन एन्डरसन और दोनों सरकारों के पुतले फूंके गए।
संभावना ट्रस्ट ने यूनियन कार्बाइड कारखाने के सामने सभा कर एन्डरसन और डाउ केमिकल्स का पुतला फूंका। गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी मोर्चा ने गैस त्रासदी की बरसी को काला दिवस के रूप में मनाया। मोर्चा की ओर से नीलम पार्क से श्रद्धांजलि रैली निकाली गई।
गैस त्रासदी की बरसी पर बरकतुल्ला भवन स्थिति सेन्ट्रल लाइब्रेरी में सर्वधर्म प्रार्थना सभा हुई। प्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष डी़ एम़ धर्माधिकारी की उपस्थिति में दिवंगत आत्माओं की शान्ति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। इस अवसर पर हिन्दू, इस्लाम, सिख, दाउदी बोहरा, जैन, बौद्ध आदि संप्रदायों के धर्म गुरुओं ने शान्ति पाठ किया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश कार्यालय में गैस त्रासदी की बरसी पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गैस पीड़ितों की समस्याओं का निदान उनकी पहली प्राथमिकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।