तानसेन संगीत समारोह के दौरान ग्वालियर में रहेगी गायन-वादन की धूम
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण पंडित हरि प्रसाद चौरसिया का बांसुरी वादन, श्रीराम उमडेकर का सितार वादन, पंडित छन्नूलाल मिश्र का गायन और प्रेम कुमार मलिक का ध्रुपद गायन रहेगा।
समारोह की प्रथम संगीत सभा में शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के कलाकारों द्वारा ध्रुपद गायन और सोलापुर के भिमंड जाधव का शहनाई वादन होगा। इसी सभा में वाराणसी के पंडित छन्नूलाल मिश्र और कोलकता की कौषिकी देशिकान का गायन तथा ग्वालियर के श्रीराम उमडेकर का सितार वादन होगा।
समारोह के दूसरे दिन की प्रात:कालीन संगीत सभा में तानसेन संगीत महाविद्यालय के कलाकारों और इलाहाबाद के प्रेम कुमार मलिक का ध्रुपद गायन, पुणे के विजय सरदेशमुख का गायन तथा भोपाल के प्रवीण शेवलीकर का वायलिन वादन होगा। इसी सभा में मुंबई की विजय जाधव गटलेवार का गायन तथा कोलकता के इमरत खान का सितार वादन होगा।
संध्यकालीन सभा में ग्वालियर के भारतीय संगीत महाविद्यालय, हुबली के जयतीर्थ मेबुडी, मुंबई के उल्हास बापट, पुणे की मंजूषा कुलकर्णी व कोलकता के अनिन्दो चटर्जी अपनी प्रस्तुतियां देंगे।
तानसेन समारोह के तीसरे दिन सात दिसम्बर को प्रात: कालीन सभा में ग्वालियर के शंकर गंदर्भ महाविद्यालय के कलाकार, अहमदाबाद के महेन्द्र डी़ टीके, पुणे के राजेन्द्र कुलकर्णी, नई दिल्ली के सारथी चटर्जी, मुम्बई के ध्रुव घोष तथा कोलकता के पंडित जगदीश प्रसाद का गायन होगा।
इसी तरह सांयकालीन सभा में मुख्य आकर्षण बासुरी वादक पंडित हरि प्रसाद चौरसिया होंगे। इसके अतिरिक्त नई दिल्ली के हरीश तिवारी व बेंगलुरू के परमेश्वर हेगड़े का गायन तथा कोलकता के पूर्वायन चटर्जी का सितार वादन होगा।
तानसेन समारोह के अंतिम दिन आठ दिसम्बर को प्रात: कालीन संगीत सभा तानसेन के जन्म स्थल बेहट में होगी। इस सभा में ग्वालियर के संगीत महाविद्यालय एवं बेहट के तानसेन संगीत विद्यापीठ के कलाकार ध्रुपद गायन प्रस्तुत करेंगे। इस सभा में ग्वालियर की ऋतु मसूरकर, विदिशा के प्रकाश पाठक ग्वालियर के अंकुर धरकर और भोपाल की रूचिरा काले अपनी प्रस्तुतियां देंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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