पर्यावरण के क्षेत्र में युवा नेतृत्व को प्रोत्साहन देगी ब्रिटिश कौंसिल
कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं खासकर छात्रों को जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों के बारे में जानकारी देने के साथ ही जलवायु परिवर्तन को रोकने के उपायों का ज्ञान भी कराना है। 60 भारतीयों और पांच श्रीलंकाई युवाओं को इस कार्यक्रम के तहत जलवायु परिवर्तन से संबंधित संदेश को फैलाने का प्रशिक्षण देने के लिए चुना जाएगा।
युवाओं में पर्यावरण के प्रति जागरुकता की प्रासंगिकता के बारे में टेरी के महानिदेशक और इंटरगवर्नमेंटल पैनल आन क्लाइमेट चेंज के अध्यक्ष आर.के. पचौरी ने कहा कि युवाओं के मस्तिष्क में पर्यावरण के लिए रूचि जगाना ही सबसे प्रमुख लक्ष्य होना चाहिए। इससे वे भविष्य में पर्यावरण सरंक्षण के बड़े राजदूत के रूप में सामने आएंगे।
पचौरी ने प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग को हतोत्साहित करने और आधुनिक जीवनशैली और जीवन मूल्यों में बदलाव पर जोर भी दिया। उनका कहना था कि पर्यावरण के प्रतिकूल कुछ परंपराओं और मान्यताओं पर फिर से विचार करने की जरूरत है।
ब्रिटिश कौंसिल के कार्यकारी निदेशक लेस डेंगरफील्ड ने बताया कि पिछले वर्ष इस कार्यक्रम के तहत 20 युवाओं का चयन किया गया था। इन युवाओं ने लंदन और जापान के कोबे में जी 8 सम्मेलन में हिस्सेदारी की थी।
कार्बन का उत्सर्जन कम करने से संबंधित कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए इस अवसर पर डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट ब्रिटिशकौंसिल डाट ओआरजी डाट इन/आईसीएफ नामक एक वेबसाइट भी आंरभ की गई।
क्लाइमेट चैंपियन्स के तहत 18 से 21 वर्ष के युवाओं का चयन पूरे देश में प्रतियोगिता के आधार पर किया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत जानकारी वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट ब्रिटिशकौंसिल डाट ओआरजी डाट इन पर उपलब्ध है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।