गरीबों को भी नहीं छोड़ा आतंकवादियों ने
मरने वालों में ठाकुर बुद्धाभाई वाघेला भी शामिल थे जो जी.टी. हास्पिटल में सफाईकर्मी थे। उन्हें आतंकवादियों ने उस समय मार डाला जब वे अपने घर में भोजन कर रहे थे।
उनके भाई भरत वाघेला ने आईएएनएस को बताया, "मेरे भाई की मौके पर ही मौत हो गई। वे जब खाना खा रहे थे तब आतंकवादियों ने उन्हें छलनी कर दिया। हमने सीएसटी स्टेशन में गोलीबारी की बात सुनी थी लेकिन हमें पता नहीं था कि हमारे साथ ऐसा हो जाएगा।"
उन्होंने बताया कि आतंकवादियों को देखकर लोगों ने अपने घरों के दरवाजे बंद कर लिए। उन्होंने लोगों से दरवाजे खुलवाने की कोशिश की। वे हिंदी में कह रहे थे, "दरवाजा खोलो, थोड़ा पानी मिलेगा क्या, हम लोग बहुत प्यासे हैं।"
इसके बाद उन्होंने सड़क पर जा रहे एक और आदमी को गोली मार दी वह जी.टी. हास्पिटल का वार्ड बॉय था भगन गंगाराम शिंदे। गोली लगने के बावजूद शिंदे भाग कर अपने घर में जा घुसा हालांकि बाद में उसकी मौत हो गई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।