मुंबई हमला : विशेषज्ञों और पश्चिमी मीडिया का इशारा इंडियन मुजाहिदीन की ओर
नई दिल्ली, 27 नवंबर (आईएएनएस)। मुंबई में बुधवार रात हुए आतंकवादी हमलों में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ हो सकता है और इसमें अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन अल कायदा का हाथ होने की बहुत कम संभावना है।
समाचार पत्र इंटरनेशनल हेराल्ड ट्रिब्यून (आईएचटी) में गुरुवार को प्रकाशित एक लेख में वरिष्ठ राजनीतिविज्ञानी और आरएएनडी कारपोरेशन में दक्षिण एशियाई मामलों की विशेषज्ञ क्रिस्टीन फेयर के हवाले से लिखा गया है, "मुंबई हमलों की प्रकृति और उनके लक्ष्य से अंदाजा लगता है कि ये आतंकवादी भारतीय मुसलमान हो सकते हैं न कि अल कायदा अथवा दक्षिण एशियाई समूह लश्कर ए-तैयबा के।"
फेयर ने आईएचटी से कहा, "इसमें अल कायदा के शामिल होने की संभावना नहीं दिखाई देती क्योंकि हमलों में कोई भी आत्मघाती हमलावर नहीं है। ये लश्कर के सदस्य भी नहीं हो सकते क्योंकि वे ग्रेनेड का प्रयोग नहीं करते और न ही किसी को बंधक बनाते हैं।"
समाचार पत्र ने जार्ज टाउन विश्वविद्यालय के विदेश सेवा विभाग के प्राध्यापक ब्रूस हॉफमैन के हवाले से कहा कि ये हमला अल कायदा आतंकवादियों द्वारा नहीं किया गया था क्योंकि वे आत्मघाती हमलों का प्रयोग करते हैं।
मुंबई की आत्मघाती घटनाओं का विश्लेषण करते हुए 'टाइम्स ऑनलाइन' ने लिखा, "कल रात के हमलों की जिम्मेदारी लेने वाले समूह डेक्कन मुजाहिदीन का नाम पहले कभी नहीं सुना गया लेकिन यह इंडियन मुजाहिदीन का हिस्सा हो सकता है।"
यूनाइटेड किंगडम के समाचार पत्र 'द गार्जियन' ने लिखा, "इंडियन मुजाहिदीन इस हमले का सबसे बड़ा संदिग्ध है जिसने दिल्ली, बेंगलुरू, जयपुर और अहमदाबाद में हुए धमाकों की जिम्मेदारी ली थी।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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