पेट्रोलियम कीमतों में कटौती का फैसला कैबिनेट करेगी, देवड़ा को नोटिस (लीड-1)
नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को पेट्रोल और डीजल की बिक्री से हो रहे लाभ के मद्देनजर पेट्रोलियम मंत्रालय कीमतों में संशोधन के लिए कैबिनेट की मंजूरी हासिल करेगी। इस बीच चुनाव आयोग ने पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा से उनके मंगलवार के बयान के संदर्भ में स्पष्टीकरण मांगा है।
देवड़ा ने मंगलवार को विधानसभा चुनावों के बाद पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कटौती की घोषणा की थी।
इधर, पेट्रोलियम सचिव आर. एस. पांडे ने बुधवार को आर्थिक संपादकों की बैठक में कहा, "हम पूरी तैयारी के साथ कैबिनेट में जाएंगे।"
पांडे ने कहा, "संशोधन का मतलब जरूरी नहीं कि कीमतों में कमी हो, लेकिन यह सच है कि कुछ उत्पादों में हम लाभ कमा रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "कुछ माह पहले 147 डॉलर प्रति बैरल से कच्चे तेल की कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल तक नीचे आ गई है। ऐसे में हर कोई यही सोच रहा है कि क्यों नहीं कीमतों में कमी आ रही है।"
उधर, मंगलवार को देवड़ा द्वारा की गई घोषणा को विपक्षी दलों ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया।
इस बारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वाम दलों की शिकायत पर चुनाव आयोग ने बुधवार को देवड़ा से स्पष्टीकरण मांगा है।
देवड़ा से मंगलवार को जब विशेष रूप से यह पूछा गया कि क्या उन्होंने कीमतों में कटौती के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है तो उन्होंने कहा, "मेरे पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है। ये ऐसी चीजें हैं जिसे मैं यहां चर्चा नहीं करना चाहूंगा।"
पांडे के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां चार उत्पादों में से दो-पेट्रोल और डीजल पर लाभ कमा रही हैं। कंपनियों को पेट्रोल पर 8.17 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 65 पैसे का लाभ हो रहा है।
रसोई गैस के मामले में कंपनियों को प्रति सिलेंडर अब भी 330.20 रुपये का नुकसान हो रहा है, जबकि किरोसीन पर प्रति लीटर 21.54 रुपये का नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान दर पर भी सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां 1100 अरब रुपये के नुकसान की भरपाई में लगी हुई हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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