मलेशिया में योग पर प्रतिबंध का अंतिम निर्णय शासकों के हाथ में
कुआलालंपुर, 26 नवंबर (आईएएनएस)। मलेशिया में राज्यों के संवैधानिक प्रमुख सुल्तानों ने जल्दबाजी में मुस्लिमों के लिए योग प्रतिबंधित करने के फतवे के खिलाफ आगाह करते हुए संकेत दिया है कि वे और राज्यों के मौलवी इस मामले पर अंतिम निर्णय लेंगे।
इस्लामी विकास विभाग के महानिदेशक वान मोहम्मद शेख अब्द अजीज ने कहा कि फतवा परिषद के फैसले पर राज्यों की फतवा समितियां चर्चा करेंगी। राज्यों के सुल्तान और धार्मिक संस्थाएं राष्ट्रीय फतवा परिषद के योग पर प्रतिबंध के फैसले को स्वीकार या अस्वीकार कर सकती हैं।
पीरक राज्य के राजा, मुदा राजा नाजरीन शाह ने पीरक फतवा समिति से इस पर सावधानी से विचार करने को कहा है।
समाचार पत्र 'द स्टार' ने बुधवार को खबर दी है कि सेलांगोर के सुल्तान, सुल्तान शरफुद्दीन इदरिस शाह ने आगाह किया है कि योग पर प्रतिबंध के फैसले को जल्दबाजी में लागू नहीं किया जाना चाहिए।
दोनों सुल्तानों ने कहा कि मामले को मलेशिया के शासकों की सभा को सौंप देना चाहिए।
गौरतलब है कि मलेशिया की राष्ट्रीय फतवा समिति ने पिछले सप्ताह आदेश जारी कर मुस्लिमों के लिए योग को 'हराम' घोषित कर दिया है।
इस विवाद में कूदते हुए मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा कि यदि फतवा परिषद समझती है कि योग गैर इस्लामी है तो इस पर प्रतिबंध लगाना उचित है। यह किसी अन्य धर्म के विरूद्ध नहीं है। इसे मानना या न मानना मलय लोगों पर निर्भर है।
महातिर ने इसे धार्मिक स्वरूप नहीं देने का आग्रह करते हुए कहा कि यदि कोई सिर के बल खड़ा है, तो उससे कम से कम मुझे तो कोई आपत्ति नहीं है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।