भारत-नेपाल नए प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर करेंगे
काठमांडू, 26 नवंबर (आईएएनएस)। भारत और नेपाल एक नए प्रत्यपर्ण संधि पर हस्ताक्षर के लिए राजी हो गए हैं। इसके अलावा आपराधिक मामलों में आपसी कानूनी मदद के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
काठमांडू, 26 नवंबर (आईएएनएस)। भारत और नेपाल एक नए प्रत्यपर्ण संधि पर हस्ताक्षर के लिए राजी हो गए हैं। इसके अलावा आपराधिक मामलों में आपसी कानूनी मदद के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
विदेशमंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपने तीन दिवसीय नेपाल दौरे के अंतिम दिन बुधवार को नेपाली विदेशमंत्री उपेंद्र यादव के साथ एक संयुक्त पत्रकार वार्ता में कहा, "हमने सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की और हम इस क्षेत्र में द्विपक्षीय कार्यविधि विकसित कर इस मुद्दे से प्रभावी रूप से निपटने पर सहमत हुए हैं।''
इसके तहत भारत व नेपाल के बीच 1,800 किलोमीटर लंबी खुली सीमा की बेहतर चौकसी की जाएगी। दोनों पड़ोसी देश जल्द ही एक ताजा प्रत्यपर्ण संधि पर हस्ताक्षर करेंगे। इसके साथ ही आपराधिक मामलों में आपसी कानूनी मदद के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
दरअसल, इस संधि पर पिछले वर्ष नेपाल के तत्कालीन गृहमंत्री कृष्ण प्रसाद सितौला के दिल्ली दौरे के दौरान ही हस्ताक्षर किए जाने थे। लेकिन माओवादियों के विरोध के कारण अंतिम समय में सितौला का भारत दौरा स्थगित हो गया था।
भारत में आतंकी हमलों में आई तेजी ने भी नई दिल्ली के लिए अपने पड़ोसी देशों नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश व म्यांमार से लगी सीमाओं पर बेहतर चौकसी को जरूरी बना दिया है।
इन चारों देशों से लगी सीमाओं पर स्थित जिन 13 जांच चौकियों का आधुनिकीकरण किया जाना है, उनमें से चार चौकियां नेपाल से लगी हुई हैं। इन चौकियों के आधुनिकीकरण पर भारत सरकार का कुल 8.5 अरब रुपये खर्च होना है।
विदेशमंत्री मुखर्जी ने बुधवार को भारत-नेपाल सीमा पर बीरगंज स्थित सबसे व्यस्त जांच चौकी का दौरा किया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।