सेना ने लिट्टे के गढ़ को घेरा, प्रभाकरन के सालाना भाषण का इंतजार
पी़ करुणाकरन
पी़ करुणाकरन
कोलंबो, 26 नवंबर(आईएएनएस)। ऐसे में जब श्रीलंकाई सैनिकों ने वर्षो से अभेद्य रहे लिट्टे के सबसे बड़े गढ़ किलोनोच्चि को घेर लिया है, लिट्टे प्रमुख वी़ प्रभाकरन का रुख जानने की बेताबी बढ़ती जा रही है। प्रभाकरन बेहद अहम माने जाने वाले अपने सालाना भाषण में मौजूदा स्थिति पर क्या कहेगा, इसका बेसब्री से इंतजार हो रहा है।
सरकार, जनता, मीडिया और राजनयिक यह जानना चाहते हैं कि बदलते हालात ने प्रभाकरन को किस हद तक बदला है और उसकी अगली योजना क्या है? श्रीलंका की सेना ने दावा किया है कि उसने लिट्टे की राजनीतिक राजधानी किलोनोच्चि को घेर लिया है। सेना को इस मुकाम तक पहुंचने में विद्रोहियों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।
प्रभाकरन 26 नवंबर को 54 वर्ष का हो गया। वह लिट्टे के मारे गए सदस्यों की याद में हर साल नवंबर के तीसरे सप्ताह में भाषण देता है, जिसका राजनीतिक हलकों में खास महत्व होता है। इस सालाना संबोधन से संगठन की आगामी योजना और रुख का पता चलता है। इस साल इस भाषण का खास महत्व इसलिए भी है। क्योंकि लिट्टे पर सेना रणनीतिक बढ़त बनाती जा रही है और विद्रोहियों की समाघात क्षमता चूकती जा रही है।
प्रभाकरन मुल्लईतिवू जिले में किसी गुप्त ठिकाने से गुरुवार को भाषण देगा। एक पश्चिमी राजनयिक ने कहा, "प्रभाकरन इस मौके का इस्तेमाल अपने समर्थकों का हौसला बढ़ाने, सरकार को सख्त संदेश देने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के प्रति नाराजगी प्रकट करने के लिए कर सकता है। वह यह कह सकता है कि युद्घ अभी खत्म नहीं हुआ है और लिट्टे में दम-खम अभी बचा हुआ है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।