ये बहुत बुरा अनुभव था: गोयल

समाचार एजेंसियों के अनुसार भावुक और ख़ासे थके हुए दिख रहे कैप्टन प्रभात गोयल ने कहा, "ये बहुत ही बुरा अनुभव था. हमें मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया. लेकिन अंत में हम सुरक्षित लौटने पर ख़ुश हैं."
अपने परिवार से मिलकर कैप्टन गौयल बहुत ख़ुश दिखे. उनकी पत्नी सीमा गोयल ने उनकी और उनके सहयोगियों की रिहाई के लिए पूरे दो महीने तक अभियान चलाया. उनका कहना था, "मैं बता नहीं सकती कि मैं कितनी ख़ुश हूँ."
सोमालिया के जलदस्युओं ने इस जहाज़ का अदन की खाड़ी में 15 सितंबर को अपहरण कर लिया था. इसके चालक दल के 22 सदस्यों में से 18 भारतीय थे.
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ये जहाज़ हांगकांग की फ़्लीटशिप मैनेजमेंट कंपनी का है. महत्वपूर्ण है कि समाचार एजेंसियों के अनुसार जहाज़ स्टोल्ट वेलर मंगलवार को 23 हज़ार टन रसायन लेकर मस्कट से दोबारा अपने समुद्री सफ़र पर निकल गया.
'दोबारा जाने से हिचकिचाहट नहीं'
कैप्टन प्रभात गोयल ने मीडिया को बताया, "मैं मिश्रित भावनाओं के साथ वापस पहुँचा हूँ और मीडिया का धन्यवाद करना चाहता हूँ. मुझे अपनी पत्नी पर गर्व है क्योंकि इस दौरान उनके व्यक्तित्व के नए पहलुओं के बारे में सभी को पता चला. "
उन्होंने बताया, "एक महीने तक तो मेरी अपनी पत्नी से थोड़ी-थोड़ी बातचीत होती रही लेकिन पिछले एक महीन से उनसे संपर्क बिलकुल बंद कर दिया गया था."
कैप्टन गोयल का कहना था, "मैं उस क्षेत्र में दोबारा जाने से नहीं हिचकिचाऊँगा. लेकिन हाल में जलदस्युओं ने अपना प्रभावक्षेत्र बहुत बढ़ा लिया है और ये लगभग 500 नॉटिकल मील तक है. यदि इस क्षेत्र को कारोबार के लिए बंद किया जाता है तो अनेक देश प्रभावित होंगे."
'भय फैलाने के लिए गोलीबारी'
कैप्टन गोयल ने कहा कि इस घटना के बाद उनका ज़िंदगी को देखने का नज़रिया बदला है. उनका कहना था कि उन्हंने पिछले महीने जलदस्युओं के पैरों को हाथ लगाने में बिताए ताकि वे चालक दल के लोगों नुकसान न पहुँचाएँ.
चालक दल के एक सदस्य संतोष अपने परिजनों से मिलते हुए
चालक दल के एक अन्य सदस्य राजिंदर मलिक ने कहा कि जलदस्युओं ने उन्हें प्रताड़ित किया और भय फैलाने के लिए कई बारी गोलियाँ चलाईं. रिहा हुए अन्य लोगों का कहना था कि वे दाल और मछली खाकर ज़िंदा रहे.
ग़ौरतलब है कि भारतीय नौसेना ने पिछले महीने समुद्री लुटेरों से बचाव के लिए सोमालियाई जलसीमा में नौसैनिक युद्धपोत भेजे थे. नौसेना को ओमान और यमन के बीच सफ़र करने वाले भारतीय जहाज़ों की रक्षा करने का आदेश दिया गया था.
भारतीय नौसेना ने लुटेरों के एक जहाज़ को डुबो भी दिया था. पिछले 23 अक्तूबर से भारतीय नौसेना उस क्षेत्र में गश्त कर रही है.
समुद्री रास्ते से होने वाले भारतीय व्यापार में इस रास्ते की अहम भूमिका है. इस साल 80 से भी ज़्यादा जहाज़ों को सोमालिया के समुद्री इलाक़े में अगवा किया जा चुका है.
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