संप्रग ने शुल्कों में काफी कमी कीः चिदंबरम
चिदंबरम ने कहा कि समाचार पत्रों में कई बार पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में करों के भारी बोझ का जिक्र कर गलत तस्वीर पेश की जाती है, इससे उन्हें दुख पहुंचता है। हालांकि पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने के सवाल को वित्त मंत्री टाल गए और कहा कि यह काम पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय का है।
आर्थिक संपादकों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि यह गलत धारणा बनी हुई है कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल-डीजल पर शुल्कों में वृद्धि हुई है। उन्होंने आंकडे पेश करते हुए कहा कि मई 2004 में जब संप्रग सरकार सत्ता में आई कच्चे तेल के आयात पर 10 प्रतिशत सीमा शुल्क लगता था।
मार्च 2005 में इसे घटाकर पांच प्रतिशत और फिर जून 2008 में पूरी तरह समाप्त कर दिया गया। उत्पाद शुल्क में भी कमी की गई।
मूल्यानुसार उत्पाद शुल्क के स्थान पर निश्चित दर पर शुल्क निर्धारण किया गया। चिदंबरम ने बताया कि वर्ष 2003-04 की तुलना में पेट्रोल की खुदरा कीमतों में उत्पाद शुल्क का हिस्सा 34.99 प्रतिशत से घटकर 2008-09 में 27.20 प्रतिशत रह गया इसी प्रकार डीजल के खुदरा दाम में इसी अवधि में यह 15.82 प्रतिशत से घटकर 10.66 प्रतिशत पर आ गया।
उन्होंने
कहा
कि
राष्ट्रीय
जनतांत्रिक
गठबंधन
(राजग)
सरकार
के
मुकाबले
संप्रग
सरकार
के
शासनकाल
में
शुल्कों
में
काफी
कमी
की
गई।