अदालत ने मां को नहीं, नानी को सौंपी बच्ची
कोलकाता, 25 नवंबर (आईएएनएस)। कोलकाता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 10 वर्षीया एक बच्ची के पालन-पोषण का दायित्व उसकी मां की जगह नाना-नानी को सौंप दिया। अदालत ने यह फैसला बच्ची की इच्छा पर सुनाया।
नीलू नाम की इस बच्ची के लालन-पालन का अधिकार पाने के लिए उसकी मां ने अदालत में अपील की थी। घरेलू हिसा के कारण नीलू की मां ने चिकित्सक पति का घर छोड़ दिया था लेकिन बच्ची अपने पिता के पास रहती थी।
न्यायमूर्ति अमित तेंदुलकर और न्यायमूर्ति पी.एस. बनर्जी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान नीलू से पूछा कि वे किसके साथ रहना पसंद करेंगी। बच्ची ने कहा कि वह अपने माता-पिता के साथ नहीं बल्कि आसनसोल में अपने नाना-नानी के साथ रहना चाहती है।
अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि हिंदू विवाह कानून के तहत जब तक बच्चा 14 वर्ष का नहीं हो जाता है, तब तक वह मां के ही पास रहता है लेकिन नीलू के मामले में अदालत ने उसकी इच्छा और उसके भविष्य को ध्यान में रखकर फैसला सुनाया।
नीलू की मां चित्रकार हैं और दक्षिण कोलकाता में रहती हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।