देश भर के फुटबालरों ने थंगाराज को याद किया
कोलकाता, 25 नवंबर (आईएएनएस)। भारत पूर्व फुटबाल खिलाड़ियों ने महान फुटबाल गोलकीपर पीटर थंगाराज के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें देश का महानतम गोलकीपर बताया। सोमवार को दिल का दौरा पड़ने से थंगाराज का निधन हो गया। वे 74 वर्ष के थे।
वर्ष 1956 के मेलबर्न ओलंपिक में भारतीय टीम के कप्तान रहे समर बनर्जी ने कहा कि गोलपोस्ट में थंगाराज की मौजूदगी से उनके साथियों का मनोबल ऊंचा रहता था।
बनर्जी ने आईएएनएस को बताया, "थंगाराज अपने खेल के प्रति हमेशा गंभीर रहते थे। उनकी लंबाई उनके लिए वरदान थी। वे गेंद को गोलपोस्ट के पास नहीं फटकने देते थे।"
1962 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के कप्तान रहे चुन्नी गोस्वामी ने कहा, "थंगाराज एक महान खिलाड़ी और टीम के आदर्श सदस्य थे। मैदान के अंदर और बाहर वे हमेशा टीम की भलाई के बारे में सोचा करते थे। मुझे उनकी कमी खलेगी।"
थंगाराज के साथ 1960 ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले एस. शकील का मानना है कि थंगाराज बेहद प्रतिभाशाली थे लेकिन उन्हें वैसा सम्मान नहीं मिला, जैसा मिलना चाहिए था।
बकौल शकील, "थंगाराज को अर्जुन सम्मान से नवाजा गया जबकि उनसे कम प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को पद्मश्री से नवाजा गया।"
भारतीय टीम के पूर्व डिफेंडर सांतो मित्रा ने थंगाराज को देश का महानतम गोलकीपर बताया। उन्होंने कहा, "मेरी नजर में वे देश के महानतम गोलकीपर थे। आज का कोई भी गोलकीपर उनकी बराबरी में नहीं खड़ा हो सकता। वे खेल भावना के प्रतीक माने जाते थे। उन्होंने कभी भी विपक्षी खिलाड़ी पर पैर से प्रहार नहीं किया।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।