मनमोहन और सोनिया ने दिए आगामी चुनावी मुद्दों के संकेत (राउंडअप इंट्रो)
नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सत्तारुढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को एक समारोह में अपने-अपने भाषणों के जरिए आने वाले आम चुनाव में आर्थिक विकास और समाजिक समावेश के नारे के साथ उतरने के संकेत दिए।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सत्तारुढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को एक समारोह में अपने-अपने भाषणों के जरिए आने वाले आम चुनाव में आर्थिक विकास और समाजिक समावेश के नारे के साथ उतरने के संकेत दिए।
दो दिवसीय 'हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट' के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि देश मौजूदा आर्थिक संकट से उबरने में कामयाब होगा जबकि सोनिया गांधी ने आश्वासन दिया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार कमजोर तबकों पर इस संकट का नकारात्मक असर नहीं पड़ने देगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, "वैश्विक अर्थव्यवस्था इन दिनों संकट के दौर से गुजर रही है और अगर हम मिलकर काम करें और दूरदर्शिता का परिचय दें तो न केवल इस संकट से बच सकते हैं बल्कि हम और मजबूत होकर उभरेंगे।"
सोनिया गांधी ने किसी कुशल राजनीतिज्ञ की तरह भाषण देते हुए कहा कि आज हमारी सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह संकट समाज के निचले तबकों पर बुरा असर डाल सकता है। उन्होंने कहा कि गरीबों का अमीरों से कोई लेना देना नहीं है इसलिए उन्हें इसका शिकार बनने नहीं दिया जा सकता।
गांधी ने कहा कि एक जिम्मेदार समाज के रूप में हमें अधिक से अधिक रोजगार उत्पन्न करने होंगे,स्वच्छ पेयजल मुहैया कराना होगा और पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी। उन्होंने कहा कि हमें शिक्षा का विस्तार भी करना होगा।
सिंह ने कहा कि वैश्विक संकट के इस दौर में भी हम आठ फीसदी की विकास दर सुनिश्चित करने में सक्षम हैं।
हाल ही में 20 उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के समूह जी 20 की वाशिंगटन में हुई शिखर बैठक के बारे में सिंह ने कहा कि उन्होंने वहां समस्या के हल के लिए विकासशील देशों की भूमिका के बारे में अपनी बात कही।
उन्होंने कहा कि हम मौजूदा संकट से कैसे निपटते हैं यही देश का भविष्य तय करेगा। सिंह ने यह भी कहा कि अगर कोई देश यह सोचता है कि वह अकेले इस संकट से निपट लेगा तो ऐसा संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "देश के लोगों के कारण मेरे सपने मेरे जीवनकाल में ही पूरे हो सके। मैं आज आपके सामने खड़ा हूं क्योंकि ज्ञान ने मुझे सशक्त बनाया है।"
उन्होंने कहा कि वे एक साधारण परिवार में पैदा हुए लेकिन उनके अंदर सीखने की जबरदस्त इच्छाशक्ति थी जिसने उन्हें यहां तक पहुंचाया।
सिंह ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी महत्वाकांक्षा यह है कि आने वाले समय में देश पूरी तरह शिक्षित हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में देश मुक्त और ज्ञान समृद्ध लोगों से परिपूर्ण होगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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