सर्वोच्च न्यायालय ने शुरू की सांसद कोष की वैधानिकता की जांच
नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)। अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यो के लिए हर साल सांसदों को आवंटित होने वाली करीब 16 अरब रुपये के कोष की वैधानिकता की जांच के लिए दायर याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को सुनवाई शुरू कर दी।
प्रधान न्यायाधीश के. जी. बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने पैंथर्स पार्टी के प्रमुख भीम सिंह की याचिका पर सुनवाई शुरू की है।
सिंह की तरफ से अदालत में उपस्थित वरिष्ठ वकील के. के. वेणुगोपाल ने खंडपीठ के समक्ष कहा, "प्रत्येक सांसद को हर वर्ष दो करोड़ की राशि आवंटित करने के लिए संसद ने कभी कोई कानून नहीं बनाया है।"
खंडपीठ के अन्य सदस्य हैं न्यायमूर्ति आर. वी. रवींद्रन, न्यायमर्ति डी. के. जैन, न्यायमूर्ति पी. सथशिवन और न्यायमूर्ति जे. एम. पंचाल।
संवैधानिक प्रावधानों का उल्लेख करते हुए वेणगोपाल ने कहा कि सरकार सांसद कोष को वैध ठहराने के लिए कोई कानून भी नहीं बना सकती। उनके मुताबिक संविधान में यह प्रावधान है कि बजट में बिना उल्लेख किए सरकार एक भी पैसा खर्च नहीं कर सकती।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।