एटीएस ने मालेगांव विस्फोट के आरोपियों पर लगाया मकोका (लीड-2)
मुंबई, 20 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मालेगांव विस्फोट मामले के सभी 10 आरोपियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत कठोर कानून लगाया है। इस कानून के तहत एटीएस बिना आरोप पत्र दाखिल किए आरोपियों को छह माह तक हिरासत में रख सकता है।
इस बीच मामले में आरोपी प्रज्ञा ठाकुर की प्रताड़ना को मुद्दा बनाकर शिवसेना की एक महिला कार्यकर्ता ने गुरुवार को बंबई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल कर जांच की मांग की है।
एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे ने गुरुवार को बताया कि मामले जांच प्रगति पर है और जल्द ही पूरी होगी। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि इस मामले में एटीएस किसी राजनीतिक दबाव में जांच कर रही है।
मकोका के अंतर्गत एटीएस आरोपियों के खिलाफ छह महीनों में आरोप पत्र दाखिल करेगी।
एटीएस ने कहा कि एक वीडियो उसके हाथ लगी है जिसमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, दयानंद पांडे और कट्टरपंथी संगठन 'अभिनव भारत' केनेता समीर कुलकर्णी एक मंच पर साथ दिख रहे हैं। यह वीडियो 12 अप्रैल, 2008 का है जिसे भोपाल में कुलकर्णी द्वारा आयोजित एक समारोह में शूट किया गया था।
गौरतलब है कि 29 सितंबर को हुए मालेगांव विस्फोट में छह लोग मारे गए थे।
इस बीच दादर क्षेत्र से शिवसेना की महिला नेता शिल्पा देशमुख ने यह याचिका दाखिल की है। याचिका में मालेगांव विस्फोट मामले की जांच में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) पर शक्ति के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया और कार्रवाई की मांग की गई है।
इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार की अदालत में अगले गुरुवार को होने की संभावना है।
याचिका में कहा गया है कि मामले में एक महिला (साध्वी) के खिलाफ एटीएस के पुरुष अधिकारी जांच कर रहे हैं। महिला अधिकारी से जांच और पूछताछ क्यों नहीं करवाई जा रही। याचिका में मामले को अपराध जांच शाखा (सीआईडी) को सौंपने की मांग भी की गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।