विस चुनाव : विचारधरा के सहारे भाजपा को चुनौती देंगी उमा
भोपाल, 19 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनशक्ति की अध्यक्ष उमा भारती ने अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विचारधारा पर भी हमला करने की तैयारी कर ली है। मंगलवार को उनके द्वारा भाजश को क़े एऩ गोविन्दाचार्य के राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन का हिस्सा घोषित किए जाने से यह जाहिर हो गया।
भाजपा ने उमा भारती को वे जख्म दिए हैं जो उन्हें वक्त वक्त पर दर्द का एहसास कराते रहते हैं। दूसरी ओर भाजपा 'प्रताड़ित' लोगों की कतार में गोविन्दाचार्य भी हैं। जहां उमा भारती ने भाजपा के खिलाफ राजनैतिक मुहिम छेड़ रखी है वहीं गोविन्दाचार्य वैचारिक आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। उमा भारती ने गोविन्दाचार्य को पार्टी का अध्यक्ष भी घोषित कर दिया है। इस तरह भाजपा के 'सताए' दो दिग्गज एक दिशा और धारा में आगे बढ़ने की तैयारी कर चुके हैं।
उमा भारती स्वीकार चुकी हैं कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में जो स्थिति भाजपा की है वही स्थिति राष्ट्रीय स्वाभिमान आन्दोलन में भाजश की होगी। भाजपा पूरी तरह संघ की मंशा पर काम करती है और संघ की विचारधारा ही उसकी पूंजी है ठीक इसी तरह स्वाभिमान आंदोलन अर्थात गोविंदाचार्य की स्वदेशी और स्वाभिमानी विचारधारा ही भाजश की पोषक होगी।
उमा भारती ने अपनी राजनीति को राम और रोटी के साथ आगे बढ़ाने की बात कही है। वे स्वाभिमान आन्दोलन को संघ के समानान्तर मानने को तैयार नहीं है क्योंकि संघ की विचारधारा की छाया आन्दोलन पर रहेगी। इसके बावजूद वे कहती हैं कि भाजपा और संघ ने सिर्फ राम की बात की है। वे राम और रोटी को एक साथ जोड़ेंगी।
उमा भारती की इस नई पहल से उनकी आगामी राजनैतिक रणनीति और सोच का खुलासा होता है। साथ ही यह नजर आने लगा है कि वे भाजपा की मूल विचारधारा के समानान्तर नई विचारधारा की शुरुआत करने की तैयारी कर चुकी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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