गोविन्दाचार्य का सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने का ऐलान
नई दिल्ली, 18 नवंबर (आईएएनएस)। किसी जमाने में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव और थिंक टैंक रहे राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन (आरएसए) के संयोजक के. एन. गोविन्दाचार्य सक्रिय राजनीति में अपनी दूसरी पारी खेलने को तैयार हैं। वे अगले साल मकर संक्रांति के बाद अपनी नई भूमिका का ऐलान करेंगे।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हमारी कोशिश होगी कि हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को एक ऐसा प्लेटफार्म दें जहां भाजपा के साथ बंधे रहना उसकी मजबूरी न हो। मुद्दों व विचारधारा की राजनीति करने वाले संघ व भाजपा के नेताओं से यह अपील करना चाहते हैं कि वे हमारी इस मुहिम से जुड़ें।"
यह पूछे जाने पर क्या वे उमा भारती के नेतृत्व वाली भारतीय जन शक्ति (भाजश) के प्रमुख बनेंगे तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, "उमा अपनी पार्टी चलाने में सक्षम हैं। भाजश हमारे नए प्रयोग का अंग मात्र होगी। मैं मार्गदर्शक की भूमिका में रहूंगा। हम कुल 12 मुद्दों पर अपने आपको केंद्रित रखेंगे जिसमें पावर और पोलिटिक्स दोनों होंगे।"
गोविन्दाचार्य ने कहा, "देश भर के 15 विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों से उनकी इस बारे में बातचीत चल रही है। इसमें भाजश, महागुजरात पार्टी और लोकसत्ता जैसे राजनीतिक दल भी शामिल हैं। हमारी कोशिश है कि राष्ट्रीय और राष्ट्रीयता के आधार पर जो राजनीतिक दल सक्रिय हैं और काम कर रहे हैं वैसे राजनीतिक दलों के एक साझा मंच तैयार किया जाए।"
उन्होंने कहा कि आगामी 14 जनवरी के बाद वे आगे की रणनीति के बारे में घोषणा करेंगे। गोविन्दाचार्य बुधवार को भोपाल जा रहे हैं जहां वे उमा भारती से विचार-विमर्श करेंगे और उनसे आगे की रणनीति के बारे में चर्चा करेंगे।
सक्रिय राजनीति में प्रवेश के साथ ही गोविंदाचार्य ने भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी और भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आडवाणी अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि बनाने में लगे हैं तो राजनाथ आरएसएस के सहारे अपनी राजनीतिक वैतरणी पार करना चाहते हैं। दोनों में कोई भी देशहित में काम नहीं कर रहा है। सब अपनी-अपनी छवि और राजनीति चमकाने में लगे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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