विस चुनाव : मध्यप्रदेश में सभाओं में श्रोताओं का टोटा, नेता परेशान
भोपाल, 18 नवंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में नेताओं की सभाओं में श्रोताओं का टोटा पड़ने लगा है। मतदाताओं की इस बेरुखी ने तमाम राजनीतिक दलों के साथ उनके नेताओं को भी परेशानी में डाल दिया है कि आखिर मतदाता उनकी बात सुनने क्यों नहीं आ रहे हैं।
मध्यप्रदेश में मुख्य तौर पर मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच है जबकि कुछ स्थानों पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा), भारतीय जनशक्ति तथा समाजवादी पार्टी ने मुकाबले को त्रिकोणीय अथवा बहुकोणीय बनाने का काम किया है। प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की सभाओं का दौर चल रहा है।
भाजपा ने 10 नवंबर को चुनाव अभियान की शुरुआत की थी। इस दिन हुई सभाओं ने भाजपा की नींद उड़ा कर रख दी थी। वजह इन सभाओं में भीड़ का न जुटना था। अभी भी नेताओं की जो सभाएं हो रही हैं उनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा पार्टी के किसी भी अन्य नेता की सभा में उस तरह की भीड़ नहीं जुट रही है जैसी अपेक्षा भाजपा कर रही थी।
भाजपा की ही तरह कांग्रेस का भी हाल है। केंद्रीय मंत्री कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह और प्रदेशाध्यक्ष सुरेश पचौरी की कुछ सभाओं को छोड़ दिया जाए तो उन्हें भी कई दफा गिनती के मतदाताओं के बीच अपनी बात कहना पड़ी है।
भारतीय जनशक्ति के प्रचार का सारा दारोमदार अध्यक्ष उमा भारती पर है और उनकी सभाओं में भीड़ तो पहुंच रही है मगर उतनी नहीं जितनी पहले पहुंचा करती थी। बसपा और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के दौरों ने अभी जोर नहीं पकड़ा है। उनको लेकर मतदाताओं का रुख कैसा है आने वाले दिनों में तय होगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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