रूस के साथ परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर अगले महीने
नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। बदलते अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में भारत और रूस अपने गठबंधन को और मजबूत बनाने के लिए परमाणु सहयोग बढ़ाने की तैयारी में हैं।
रूसी राष्ट्रपति दमित्रि मेदवेदेव की अगले महीने होने वाली पहली भारत यात्रा से पूर्व राजनयिकों और रणनीतिक विशेषज्ञों के समक्ष विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने सोमवार को कहा, "हमें असैनिक परमाणु सहयोग बढ़ाने की आशा है। इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।"
प्रस्तावित समझौते की तैयारी इस वर्ष के आरंभ से की जा रही है। रूस इसके बाद तमिलनाडु के कुडनकूलम में चार अतिरिक्त परमाणु रिएक्टर बनाएगा।
मेनन ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) और परमाणु आपूर्ति समूह के देशों (एनएसजी) की बैठक में भारत का समर्थन करने के लिए रूस को धन्यवाद दिया।
मेनन ने आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन और यूनिटी ऑफ रसिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि रूस के साथ परमाणु समझौता अमेरिका और फ्रांस के साथ किए गए समझौतों के समान ही होगा।
मेनन ने कहा कि मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के बावजूद दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए काफी प्रयास करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा,"दोनों देशों के बीच व्यापार पांच अरब डॉलर तक पहुंच गया है, यह सकारात्मक है लेकिन पर्याप्त नहीं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।