आर्थिक मंदी के बीच मार्क्स के आर्थिक विचारों का बाजार गर्म
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच कार्ल मार्क्स के आर्थिक विचारों का बाजार गर्म है। किताब की दुकानों पर मार्क्स की पुस्तकों की मांग बढ़ गई है। यही नहीं देश के मार्क्सवादी भी अपनी आर्थिक विचारधारा से जुड़े पर्चे बांटने में जुट गए हैं।
पश्चिम में मार्क्स की पुस्तकों की मांग बढ़ने की खबरों से उत्साहित भारतीय मार्क्सवादी नेताओं ने कहा है कि वे अपनी आर्थिक विचारधारा को लोगों तक पहुंचाने की योजना तैयार कर रहे हैं।
भारतीय मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) ने पहले ही वैश्विक वित्तीय संकट पर 'ग्लोबल फाइनेंसियल क्राइसिस एंड इंम्प्लीकेशन्स फॉर इंडिया' तथा 'पॉलिटिक्स ऑफ प्रिविलाइजेशन एंड इट्स इंपैक्ट' शीर्षक वाली दो पुस्तिकाएं बांटनी शुरू कर दी है।
आनलाइन पुस्तक विक्रेता अमेजॉन के अनुसार कार्ल मार्क्स द्वारा लिखी गइर्ं द कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो व दास कैपिटल की बिक्री पश्चिमी देशों में बढ़ गई है।
माकपा के पोलित ब्यूरो सदस्य सीताराम येचुरी ने पिछले सप्ताह आर्थिक नीतियों पर आधारित पार्टी के प्रचार अभियान की फिर से शुरुआत की। पार्टी ने अपने पहले प्रचार अभियान की शुरुआत 90 के दशक के प्रारंभ में तब की थी, जब देश में आर्थिक उदारीकरण की नीतियां शुरू हुई थीं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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