'आर्थिक संकट का समाधान रातों-रात नहीं'
उन्होंने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं को मुद्रा कोष और विश्व बैंक में ज्यादा वोटिंग अधिकार मिलना चाहिए। भारत सहित कई देश विश्व संस्थाओं में ज्यादा भूमिका निभाना चाहते हैं।
उल्लेखनीय है कि उन्होंने यह बात वैश्विक मंदी पर होने जा रहे जी-20 सम्मेलन से ठीक पहले कही है। बुश ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक आर्थिक संकट का समाधान रातों-रात नहीं निकाला जा सकता। साथ ही बुश ने वैश्विक वित्तीय संस्थाओं को ज्यादा पारदर्शी और जिम्मेदार बनाने की वकालत की।
न्यूयार्क के मैनहटन इंस्टीट्यूट में 'वित्तीय बाजार और विश्व अर्थव्यवस्था' विषय पर आयोजित सम्मेलन में बुश ने कहाः यह समस्या रात भर में पैदा नहीं हुई है और इसका रातों-रात समाधान नहीं निकाला जा सकता। लेकिन हमने जो कदम उठाए हैं उसका असर हो रहा है।
बुश 15 नवंबर को वाशिंगटन में जी-20 देशों के सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय संकट के अलावा यह भी जरूरी है कि विश्व के नेता वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने होंगे।
उन्होंने कहा कि विश्व मुद्रा कोष और विश्व बैंक जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार की जरूरत है ताकि वे ज्यादा जिम्मेदार और पारदर्शी होने के साथ-साथ वर्तमान वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करें।