विस चुनाव : विश्वेन्द्र के आरोपों ने मध्यप्रदेश में भाजपा को बैकफुट पर धकेला
भोपाल, 14 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस में टिकट बेचे जाने का मारगेट्र अल्वा द्वारा लगाए आरोपों के बाद मध्यप्रदेश में आक्रामक हुई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 48 घंटों के भीतर ही बैकफुट पर आ गई है। दरअसल, उसे ऐसा करने पर राजस्थान के भरतपुर से पार्टी के पूर्व सांसद विश्वेन्द्र सिंह ने मजबूर किया है। उन्होंने भाजपा में भी टिकट बिकने के आरोप लगाते हुए पार्टी से किनारा कर लिया है।
कांग्रेस के महासचिव पद पर रहते हुए मारग्रेट अल्वा ने कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में टिकट बेचे जाने का आरोप लगाते हुए राजनैतिक गलियारों में भूकंप ला दिया था। अल्वा का यह आरोप भाजपा के लिए 'बिल्ली के भाग्य से टूटा छींका' जैसा था। भाजपा ने इसे न सिर्फ मुद्दा बनाया बल्कि इसे हाथों-हाथ लपका और कांग्रेस पर हमला भी बोल दिया।
राजनीतिक तौर पर भाजपा ने एक चाल चली और मध्यप्रदेश के तमाम अखबारों में अल्वा के बयान को विज्ञापन के तौर पर छापकर कांग्रेस पर हमला बोला। भाजपा ने इन विज्ञापनों पर लाखों रुपए खर्च करके कांग्रेस को मुश्किल में डालने की हर संभव कोशिश की। इतना ही नहीं पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल दवे और उसके बाद राष्ट्रीय सचिव प्रभात झा ने कांग्रेस की जमकर खिल्ली भी उड़ाई।
कांग्रेस में टिकट बिकने के आरोप पर बल्ले-बल्ले करने वाली भाजपा दो दिन भी खुशी नहीं मना पाई कि राजस्थान में उठे तूफान ने उसे बैकफुट पर आने को मजबूर कर दिया।
सिंह के आरोपों को असर शुक्रवार को मध्यप्रदेश में भी नजर आया। कल तक अल्वा के बहाने कांग्रेस पर निशाना साधने वाले भाजपा नेताओं की अब बोलती बंद हो गई है। भाजपा की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में पार्टी की सांसद सुमित्रा महाजन और पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल दवे भी टिकट बेचे जाने के मामले में मौन रहे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।