मालेगांव धमाके: कानपुर से महंत हिरासत में
मालेगांव विस्फोट मामले में कानपुर से दयानंद पांडे नाम के एक महंत को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) एवं एटीएस प्रमुख बृजलाल ने बताया कि महाराष्ट्र एटीएस ने उत्तरप्रदेश एटीएस के सहयोग से कानपुर के काकादेव इलाके से दयानंद पांडे नाम के एक महंत को हिरासत में लिया है।
बृजलाल के मुताबिक दयानंद जम्मू स्थित शारदा सर्वज्ञ पीठ का प्रमुख है और वहां अमृतानंद स्वामी के नाम से विख्यात है। महाराष्ट्र एटीएस की टीम पांडे को कानपुर से लखनऊ ला रही है और यहां उनसे विस्तृत पूछताछ की जाएगी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक दयानंद पांडे मूलत: वाराणसी का रहने वाले हैं और वर्ष 2003 में जम्मू जाकर शारदा सर्वज्ञ पीठ के पीठेश्वर के पद पर आसीन हो गये थे। एटीएस को दयानंद पांडे के विहिप से जुड़े होने की आशंका है।
सांसद विधायक व धर्मगुरु के नाम नहीं
महाराष्ट्र एटीएस का दल मंगलवार को लखनऊ पहुंचा था। राज्य के पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह ने दल को जांच के दौरान हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया है।
बृजलाल ने साफ किया है कि महाराष्ट्र एटीएस ने प्रदेश के जिन लोगों से पूछताछ करने के लिए उन्हें सूची सौंपी है, उसमें किसी सांसद, विधायक या धर्मगुरु का नाम नहीं है।
महाराष्ट्र एटीएस ने सोमवार को मुंबई की एक अदालत में अर्जी दाखिल कर उत्तरप्रदेश के एक प्रमुख हिंदू नेता से पूछताछ करने की अनुमति मांगी थी और इस संबंध में उत्तरप्रदेश सरकार से सहयोग दिलाने की बात कही थी।
बजरंग
दल
और
विहिप
ने
पल्ला
झाड़ा
एटीएस
द्वारा
दयानंद
पाण्डे
को
गिरफ्तार
किए
जाने
के
बाद
मीडिया
द्वारा
पूछे
जाने
पर
बजरंग
दल
और
विश्व
हिंदू
परिषद
(विहिप)
के
नेताओं
ने
तुरंत
पल्ला
झाड़
लिया।
दोनों
दलों
के
नेताओं
का
कहना
है
कि
दयानंद
से
उनके
संगठन
का
कोई
लेना-देना
नहीं
है।
यूपी विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री महावीर ने कहा है कि न तो वो दयानंद पांडे को जानते हैं और न ही वह कभी उनके संगठन से जुड़ा रहा है। वहीं बजरंग दल के प्रांतीय प्रभारी वेद प्रकाश त्रिवेदी ने कहा कि जिस दयानंद पांडे को महाराष्ट्र एटीएस ने पकड़ा है उसका बजरंग दल से कोई लेना देना नहीं है।