गुजरात की इंजीनियरिंग इकाइयों के सामने नकदी की समस्या
अहमदाबाद , 13 नवंबर (आईएएनएस)। वित्तीय व्यवस्था में नकदी उपलब्ध कराने के सरकारी प्रयास से केवल शेयर बाजार को ही मदद मिली है,जबकि निर्माण क्षेत्र अभी भी कर्ज की समस्या से जूझ रहा है। गुजरात के छोटे उद्यमियों का यही कहना है।
अहमदाबाद , 13 नवंबर (आईएएनएस)। वित्तीय व्यवस्था में नकदी उपलब्ध कराने के सरकारी प्रयास से केवल शेयर बाजार को ही मदद मिली है,जबकि निर्माण क्षेत्र अभी भी कर्ज की समस्या से जूझ रहा है। गुजरात के छोटे उद्यमियों का यही कहना है।
उनके अनुसार रिजर्व बैंक के एक नवंबर को महत्वपूर्ण दरों में कटौती करने से करीब 400 अरब रुपये की अतिरिक्त राशि बैंकों को उपलब्ध हुई है लेकिन यह रकम निर्माण क्षेत्र तक नहीं पहुंच पा रही है। इससे छोटे स्तर के इंजीनियरिंग और मशीन उपकरण निर्माण उद्योग संकट में है।
राजकोट इंजीनियरिंग एसोसिएशन (आएसी)के अध्यक्ष भावेश पटेल का मानना है कि इस वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही ही नहीं वरन आने वाला समय भी ठीक नहीं दिखाई दे रहा है। यह समस्या लंबे समय चलने वाली है।
आरएसी में 900 निर्माण इकाइयां हैं जो कृषि उपकरण, बिजली की मोटरें, मिश्रित धातु के सामान, एयर कंप्रेसर, औद्योगिक उपकरण और कपड़ा उद्योग से संबंधित मशीनरी का निर्माण करती हैं।
पटेल ने कहा कि कई बड़े उद्योगों ने इन इकाइयों को दिए गए अपने कई आर्डर रद्द कर दिए हैं। इससे संकट और बढ़ गया है। करीब 40 फीसदी आर्डर वापस ले लिए गए हैं।
पटेल का कहना है कि ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं आई थी। हम इससे निपटने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन आर्डर ऐसे ही वापस होते रहे तो कठिनाई बढ़ जाएगी।
अहमदाबाद, वडोदरा और भरुच की छोटी निर्माण इकाइयां भी इसी समस्या से गुजर रही हैं। पूरे गुजरात में करीब 300,000 छोटी इंजीनियरिंग इकाइयां हैं,जो कुल मिलाकर साल में करीब 150 अरब रुपये के सामान का निर्माण करती हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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