एशिया के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है बिम्सटेक : मनमोहन
नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि इक्कीसवीं सदी एशिया की है और आने वाले समय में यह क्षेत्र दुनिया के आर्थिक विकास का सबसे महत्वपूर्ण घटक बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि 'बिम्सटेक' वृहत्तर एशियाई समुदाय का प्रमुख अंग है और आपसी सहयोग से इसके सदस्य देश एशिया के विकास में महती भूमिका निभा सकते हैं।
वे गुरुवार को बंगाल की खाड़ी के आसपास स्थित देशों के समूह बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टीसेक्टरल एंड इकोनोमिक कोआपरेशन) की दूसरी शिखर बैठक के आरंभ के अवसर पर उसे संबोधित कर रहे थे। बिम्सटेक में भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाइलैंड, भूटान और नेपाल देश शामिल हैं।
इस अवसर पर सिंह ने कहा, " पिछले 10 सालों के दौरान हमारे संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में ढाई गुना की वृद्धि हुई है और यह 1.7 खरब अमेरिकी डॉलर हो गया है। बिम्सटेक के सदस्य देशों के बीच बेहतर संचार है और आपसी व्यापार और निवेश भी अच्छा बना हुआ है।"
सिंह ने कहा कि इस दौरान कई नई चुनौतियां भी पैदा हुईं हैं। इनमें जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा, आतंकवाद तथा समुद्री क्षेत्र से आने वाले खतरे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों के बीच यह शिखर बैठक हमें इनसे निपटने के लिए रणनीति बनाने का अवसर भी देती है। उन्होंने कहा कि बिम्सटेक दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्वी एशिया के मध्य सेतु की तरह है।
ज्ञान के क्षेत्र में संभावनाओं के बारे में सिंह ने कहा कि नालंदा में एक अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत द्वारा दी जाने वाली 300 छात्रवृत्तियों में से 80 फीसदी का इस्तेमाल बिम्सटेक के सदस्य देशों द्वारा किया जाता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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