भारत का बिम्सटेक देशों में जल्द मुक्त व्यापार समझौते पर जोर (लीड-1)
नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। मौजूदा वैश्विक वित्तीय संकट को ध्यान में रखते हुए भारत ने गुरुवार को बिम्सटेक के सात सदस्य देशों के बीच जल्द से जल्द मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए जाने पर बल दिया।
गुरुवार को बंगाल की खाड़ी के आसपास स्थित देशों के समूह बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टीसेक्टरल एंड इकोनोमिक कोआपरेशन) की दूसरी शिखर बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "मुझे लगता है कि हमें आर्थिक और व्यापारिक सहयोग के क्षेत्र में और अधिक प्रयास करने होंगे।"
उन्होंने कहा कि बिम्सटेक के सदस्यों के बीच मुक्त व्यापार समझौते के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि इसके बाद हम निवेश और सेवा क्षेत्र में समझौते पर विचार करेंगे।
बिम्सटेक में भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, थाइलैंड और भूटान देश शामिल हैं और यह दक्षिणी और दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों के मध्य सेतु का काम करता है।
सिंह ने कहा, " पिछले 10 वर्षो के दौरान हमारे संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में ढाई गुना की वृद्धि हुई है और यह 1.7 खरब अमेरिकी डॉलर हो गया है। बिम्सटेक के सदस्य देशों के बीच बेहतर संचार है और आपसी व्यापार और निवेश भी अच्छा बना हुआ है।"
सिंह ने कहा कि इस दौरान कई नई चुनौतियां भी पैदा हुईं हैं। इनमें जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा, आतंकवाद तथा समुद्री क्षेत्र से आने वाले खतरे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों के बीच यह शिखर बैठक हमें इनसे निपटने के लिए रणनीति बनाने का अवसर भी देती है।
अपने स्वागत उद्बोधन के बाद प्रधानमंत्री ने नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार फखरुद्दीन अहमद, म्यांमार के प्रधानमंत्री थिएन सिएन, भूटान के प्रधानमंत्री जिग्मी वाई थिनले, श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे और थाइलैंड के प्रधानमंत्री सोमचाइ वांगसवात से बातचीत की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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