वित्तीय संस्थानों को मजबूत करने की आवश्यकता : मनमोहन
नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वैश्विक वित्तीय संकट के कारण विकासशील देशों की आर्थिक वृद्धि दर में कमी आने की संभावना पर चिंता व्यक्त करते हुए इस संकट को दूर करने के लिए वैश्विक वित्तीय संस्थानों को मजबूत बनाने को कहा है।
नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वैश्विक वित्तीय संकट के कारण विकासशील देशों की आर्थिक वृद्धि दर में कमी आने की संभावना पर चिंता व्यक्त करते हुए इस संकट को दूर करने के लिए वैश्विक वित्तीय संस्थानों को मजबूत बनाने को कहा है।
प्रधानमंत्री ने अपनी वाशिंगटन यात्रा पर रवाना होने से पहले गुरुवार को कहा कि जी 20 के सम्मेलन में भारत का प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि वैश्विक वित्तीय संकट का विकासशील देशों पर कम से कम प्रभाव पड़े।
संवाददाताओं के यह पूछे जाने पर कि वैश्विक वित्तीय संकट कैसे विकासशील देशों को प्रभावित करेगा, प्रधानमंत्री ने कहा, "जी 20 की बैठक में मेरा संदेश होगा कि वे अपनी शक्ति के अनुसार सभी उपाय करें लेकिन ऐसा करने से विकासशील देशों के लिए निर्धारित सदी के विकास के लक्ष्य (मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स) प्रभावित नहीं होने चाहिए।"
बिम्सटेक के नेताओं के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मनमोहन सिंह ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और अन्य क्षेत्रीय विकास बैंकों को और मजबूत बनाया जाना चाहिए, जिससे वैश्विक वित्तीय संकट का प्रभाव विकासशील देशों पर कम से कम हो।
उन्होंने कहा कि बिम्सटेक क्षेत्र के देशों के बैंक बेहतर विनियमित हैं और उनमें पर्याप्त पूंजी है। इससे वे आर्थिक संकट से सुरक्षित रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र के देशों के आर्थिक विकास पर प्रभाव पड़ने के साथ ही निर्यात भी प्रभावित हो सकता है।
उन्होंने जोड़ा कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान इन देशों को कर्ज देने से हिचक रहे हैं इसलिए कम विकसित देशों के सामने भुगतान संतुलन की भी समस्या खड़ी हो सकती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि विकसित देशों से विकासशील देशों को आने वाला कोष प्रभावित हुआ तो इससे मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स को लागू करने की गरीब देशों की क्षमता पर असर पड़ेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।