सरकार को ही नहीं है भगत सिंह की सुध
चंडीगढ़, 13 नवंबर (आईएएनएस)। देश की आजादी के नायक भगत सिंह की शहादत को हर भारतीय सलाम करता है लेकिन लगता है कि सरकार को इस शहीद से कोई सरोकार नहीं रहा। संसद में लगी उनकी प्रतिमा को देखकर बहुत सारे लोगों के मन में यही सवाल उठने लगा है।
चंडीगढ़, 13 नवंबर (आईएएनएस)। देश की आजादी के नायक भगत सिंह की शहादत को हर भारतीय सलाम करता है लेकिन लगता है कि सरकार को इस शहीद से कोई सरोकार नहीं रहा। संसद में लगी उनकी प्रतिमा को देखकर बहुत सारे लोगों के मन में यही सवाल उठने लगा है।
भगत सिंह के परिवार ही नहीं बल्कि कई नामीगिरामी लोग भी महसूस करते हैं कि भगत सिंह की सही तस्वीर सरकार की ओर से नहीं पेश की जा रही है।
भगत सिंह के भतीजे अभय संधू कहते हैं कि संसद में इसी वर्ष 15 अगस्त को लगाई गई प्रतिमा से तनिक भर भी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि यह प्रतिमा शहीद-ए-आजम की है।
उनके मुताबिक प्रतिमा को देखकर मालूम पड़ता है कि वह 50-60 वर्ष के किसी व्यक्ति की प्रतिमा है। प्रतिमा से आभास होता है कि वह किसी मोटे और 100 किलोग्राम वजन वाले व्यक्ति की प्रतिमा है।
इस प्रतिमा के संबंध में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) के प्रोफेसर चमन लाल लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को एक पत्र भी लिख चुके हैं। लेखक कुलदीप नैयर और इरफान हबीब भी इस प्रतिमा को लेकर नाराज हैं।
संधू और लाल का कहना है कि जब भगत सिंह की वर्ष 1920 की तस्वीर मौजूद है तो फिर विभिन्न सरकारों द्वारा उनकी भद्दी तस्वीरें उपयोग में क्यों लाई जा रही हैं।
गौरतलब है कि इसी वर्ष दिसंबर में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी सिक्कों पर भगत सिंह की तस्वीर को लेकर आपत्ति जताई थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।